आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि कांग्रेस के 60 साल के शासन में पचास हजार सांप्रदायिक दंगे हुए और इस दौरान मुसलमानों शिक्षा और रोजगार से दूर रखा गया था। एक सार्वजनिक गुरुवार को यहाँ दारूस्सलाम में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के 59 वें पुनरुद्धार दिवस के अवसर पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
अकबरुद्दीन ओवैसी ने अपने संबोधन में फख्र-ए-मिल्लत स्व. अब्दुल वाहेद ओवैसी और सालार-ए-मिल्लत स्व. सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय को देश में राजनीति में एक नई दिशा प्रदान की। कांग्रेस पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि सच्चर, कुंडू, रंगन मिश्रा आयोग जैसी समितियों की रिपोर्टों को कांग्रेस द्वारा लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जब बाबरी मस्जिद का ताला खोला गया था जब कांग्रेस सत्ता में थी और कांग्रेस के शासन के दौरान ही इस मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था।
कांग्रेस ने सत्ता में होने के बावजूद अपराधियों को दंडित करने के लिए कुछ नहीं किया। भाजपा पर प्रहार करते हुए अकबर ओवैसी ने कहा वह लोगों का मुख्य मुद्दों से ध्यान हटा रही है। उन्होंने कहा कि गधा, दीवाली, कब्रिस्तान और बुर्का उत्तर प्रदेश में चुनावी मुद्दे बन गए हैं। पकिस्तान की आईएसआई के साथ जुड़े भाजपा के सदस्यों को मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किया गया जबकि सात विचाराधीन मुसलमानों को यहाँ एक फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया था।
एआईएमआईएम की उपलब्धियों को याद करते हुए अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह एआईएमआईएम के प्रतिनिधित्व के बदौलत ही सम्भव हुआ तेलंगाना सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि मुसलमानों के साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के समान व्यवहार किया जाए।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय की समस्याओं का समाधान केवल राजनीतिक शक्ति प्राप्त कर ही किया जा सकता है। उन्होंने घोषणा की कि एमआईएम अलैर में फर्जी मुठभेड़ में पांच मुस्लिम विचाराधीन कैदियों की मौत के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तेलंगाना सरकार पर दबाव बनाएगी।