नैनीताल: पार्टी में मौजूद रहने 9 बागी कांग्रेस विधायकों के दावे को खारिज करते हुए कांग्रेस चीफ व्हिप ने आज उत्तराखंड हाईकोर्ट को बताया कि 9 बागी विधायकों ने राज्यपाल के सामने भाजपा विधायकों के साथ मिलकर ” एक ध्वनि ” होकर कहा कि हरीश रावत सरकार अल्पमत में है और उन्होंने खुद को एक वैकल्पिक सरकार के तौर पर पेश किया। कांग्रेस चीफ व्हिप ने जटस यूसी ध्यान के सामने बयान देते हुए कहा कि इन 9 बागी सदस्यों ने अपनी नई शक्ति और बहुमत दिखाने के क्रम में राज्यपाल के सामने परेड भी की थी। एडवोकेट अमित सिब्बल ने कांग्रेस चीफ विहिप का पालन करते हुए अदालत को बताया कि उनके 9 बागी सदस्यों ने भाजपा का साथ दिया है।
न्यायाधीश ने 9 बागी कांग्रेस विधायकों द्वारा दर्ज किया राज्य सुनवाई की है जिन्हें स्पीकर विधानसभा गोविंद सिंह ने काउंटर विचलन कानून के तहत अयोग्य करार दिया था। 18 मार्च की सुबह रवाना गए ख़त के स्रोत और बाद में 35 सदस्यों की व्यक्तिगत उपस्थिति के साथ इन नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की और पुरजोर प्रतिनिधित्व और कहा कि वह एक वैकल्पिक सरकार बनाने तैयार हैं। इन सदस्यों ने राज्यपाल के सामने खुद को एक वैकल्पिक शक्ति के तौर पर पेश किया।
वे 9 हैं उन्हें व्यक्तिगत तौर पर जाने की जरूरत नहीं थी अब जबकि उनकी परेड चुकी है तो उन्हें वहां जाने की जरूरत है कि वे एक नया बहुल समूह बनाने जा रहे हैं। इन सभी 35 विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र भी साझा की गई के तौर भर्ती कराया गया। इस पत्र नेता अजय भट्ट के लेटर पैड पर दिया गया है। इससे पता चलता हैकि कांग्रेस के 9 बागी विधायक एक आवाज में बात कर रहे हैं। उन लोगों ने अन्य 26 भाजपा सदस्यों के साथ मिलकर अपना समूह बनाया है अदालत में कांग्रेस चीफ विहिप के वकील ने यह भी तर्क दिया है कि यह 9 सदस्यों बहरसूरत सरकार को हटाने पर जोर दे रहे हैं।
इसके लिए वह कुछ भी करने तैयार हैं। झूठे बयान देने या दस्तावेज को विकृत करने से भी वह बाज नहीं आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर नाराज कांग्रेस विधायकों ने कहा है कि वह दूसरी कांग्रेस सरकार और दूसरे मुख्यमंत्री के तहत कांग्रेस का समर्थन करने तैयार हैं और यह बात राज्यपाल को पेशकश ज्ञापन में नहीं कही गई क्योंकि यह एक संयुक्त ज्ञापन थी। भाजपा विधायकों ने यह नहीं कहा है कि वह सरकार बनाने की कोशिश करेंगे।
कांग्रेस के वकील अमित सिब्बल ने कहा कि मिनी बिल की बात राज्यपाल से मुलाकात के साथ मुलाकात के दौरान कही गई थी। और कहा गया था कि यह सरकार अल्पमत में है और उसे गीरहस्तवरी करार दिया जाए तो उनका रुख स्पष्ट और साफ है। चीफ विहिप जो इस मामले में शिकायतकर्ता भी हैं जिन्होंने 9 विधायकों को अयोग्य करार दिया है यह भी कहा कि अदालत इस दावे के बावजूद इन 35 विधायकों ने राज्यपाल को संयुक्त बीकान दिया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा। अदालत में इन 9 बागी विधायकों की षत के जवाब में कि उन्होंने राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में 26 भाजपा विधायकों से खुद को अलग कर लिया है। सिब्बल ने कहा कि यह फूट बस दिखाने के लिए है कि आखिर वह 35 सदस्यों के बहुमत बनाने में कैसे प्रदर्शन कर सकते हैं। ये लोग केवल नाम के कांग्रेसी हैं वास्तव में उनके समर्थन भाजपा की ओर है।