साबिक़ रियास्ती वज़ीर डाक्टर शंकर राउ ने मज़ीद नुक़्सान पहुंचने से कब्ल अलहदा तेलंगाना रियासत तशकील देने हाईकमान से मुतालिबा किया और कांग्रेस का वोट तनासुब घटने का इद्दिआ किया।
आज असेंबली के मीडीया प्वाईंट पर सहाफ़ीयों से बातचीत करते हुए कांग्रेस के सीनीयर रुक्न असेंबली ने कहा कि असेंबली का बजट सैशन अवाम के लिए मायूसकुन साबित हो रहा है। बजट सैशन से अवाम काफ़ी तवक़्क़ोआत (उमीद) वाबस्ता किए हुए थे, लेकिन बजट सैशन में अवामी मसाइल ज़ेर-ए-बहस नहीं लाए जा रहे हैं।
चीफ़ मिनिस्टर की कारकर्दगी ठीक नहीं है। रियासत में कांग्रेस पार्टी ग़ैर यक़ीनी सूरत-ए-हाल से दो चार है। नौजवान और पहली मर्तबा मुंतख़ब होने वाले कांग्रेस के अरकान अपने सयासी मुस्तक़बिल को लेकर परेशान हैं और अपने लिए किसी महफ़ूज़ सयासी ठिकाने की तलाश में हैं। चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ना तो सीनीयर क़ाइदीन से मश्वरा कर रहे हैं और ना ही जूनियर क़ाइदीन को एतिमाद में ले रहे हैं
जिस से कांग्रेस पार्टी का मुस्तक़बिल ख़तरे में है। नेहरू और इंदिरा गांधी ने मक़बूल तरीन इसकीमात पर अमल करते हुए रियासत में कांग्रेस को मुस्तहकम किया था। रियासत में कांग्रेस का वोट तनासुब 34 फ़ीसद है। रियासत में कांग्रेस पार्टी का कोई मज़बूत क़ाइद ना होने के सबब अवाम कांग्रेस पार्टी से दूर हो रहे हैं। उन्हों ने कहा कि हाईकमान पर जगन मोहन रेड्डी और उन के हामीयों की जानिब से की जाने वाली तन्क़ीदों का मुंहतोड़ जवाब देने की बजाय चीफ़ मिनिस्टर और रियास्ती वुज़रा एक दूसरे का मुंह देख रहे हैं।
हालिया सात असेंबली हलक़ों के नताइज से अवामी रुजहान का अंदाज़ा हो चुका है।
तेलंगाना के अवाम अलहदा तेलंगाना रियासत चाहते हैं, लिहाज़ा अलहदा तेलंगाना रियासत की तशकील में जितनी ताख़ीर की जाएगी, कांग्रेस का इतना ही ज़्यादा नुक़्सान होगा। इलावा अज़ीं 18 असेंबली हलक़ों के ज़िमनी इंतिख़ाबात के लिए फ़ौरी हिक्मत-ए-अमली तैय्यार की जाय, वर्ना कांग्रेस को एक बार फिर मायूस होना पड़ेगा।