क़ाइद अपोज़ीशन के जाना रेड्डी ने कहा कि अगर हैदराबाद को दस बरसों तक दोनों रियास्तों का मुशतर्का दारुल हुकूमत बनाने से इत्तिफ़ाक़ ना किया जाता तो अलाहिदा तेलंगाना रियासत का तशकील पाना मुम्किन नहीं था।
आज सी एल पी ऑफ़िस असेंबली में प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए उन्हों ने कहा कि अलाहिदा तेलंगाना रियासत की तशकील के लिए कांग्रेस और सोनीया गांधी को मुश्किलात से गुज़रना पड़ा, हत्ता कि चीफ़ मिनिस्टर, आन्राो ई वुज़रा, अरकाने असेंबली और अरकाने पार्लीयामेंट बहुत बड़ी रुकावट बने।
जब कि तेलंगाना की ताईद करने वाली तेलुगु देशम और वाई एस आर कांग्रेस लम्हा आख़िर में अपने फ़ैसलों से दस्तबरदार हो गईं और आंध्रा वालों ने हैदराबाद में अपनी जानो माल के लिए ख़तरे का इज़हार किया।
उन्हों ने कहा कि टेलीफ़ोन टैपिंग के ज़रीए चंद्र बाबू नायडू की आवाज़ का पता लगाकर टी आर एस के नामज़द रुक्ने असेंबली स्टीफ़न को रिश्वत देते हुए गिरफ़्तार होने वाले रेवन्त रेड्डी और उन की पुश्तपनाही करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जानी चाहीए, ख़ाह वो शख़्स कितने ही बड़े ओहदा पर फ़ाइज़ हो।