कांग्रेस पर मुसलमानों को नजरअंदाज़ करने का आरोप

नांदेड़: नांदेड़ में मुसलमानों की आबादी का अनुपात लगभग 35 प्रतिशत है, लेकिन इसके बावजूद भी यहां से विधानसभा में प्रतिनिधित्व के लिए कोई अल्पसंख्यक प्रतिनिधि चयन नहीं हो पाता है। ऐसे में शहर के मुसलमानों ने कांग्रेस पार्टी से मांग की है कि सितंबर में होने वाले विधान चुनाव में मुस्लिम समाज के किसी प्रतिनिधि को मौका दिया जाए। नांदेड़ में आयोजित एक बैठक के दौरान विभिन्न मिल्ली और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कांग्रेस के प्रदेश सेंट आर अशोक चव्हाण से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।

उल्लेखनीय है कि नांदेड़ के दोनों विधानसभा हलकों में 4 दशक से अधिक समय से मुस्लिम उम्मीदवार को चुना नहीं हुआ है और इस कारण मुस्लिम उम्मीदवार को किसी भी बड़ी पार्टी टिकट नहीं देती है। मुस्लिम लीग से नुरुल्ल्लाह खान और कांग्रेस से फारूक पाशा के अलावा कोई मुस्लिम उम्मीदवार नांदेड़ से आजादी के बाद से अब तक विधायक या विधान परिषद नहीं बन पाया है।

चूंकि जनसंख्या और विधानसभा क्षेत्र के परिसीमन की वजह से मुस्लिम उम्मीदवारों के सफलता की संभावना कम है, इसलिए कांग्रेस काफी समय से मुस्लिम उम्मीदवारों को विधायक के बजाय विधान बनाने का वादा करती आ रही है। इसी वादे को पूरा करने का तर्क देते हुए मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि कांग्रेस इस बार विधान का टिकट मुस्लिम समाज के किसी व्यक्ति को देने की मांग कर रहे हैं।

अब चूंकि सितंबर में विधान अमर राजवर्कर का कार्यकाल खत्म होने जा रही है, तो मुस्लिम बुद्धिजीवी और नेताओं में यह सवाल फिर उठने लगा है कि क्या इस बार कांग्रेस अपने वादे को निभाएगी या फिर वादा खिलाफी करती है।