रियासत में कांग्रेस का कुनबा बिखर रहा है। पार्टी के अंदर हाल के दिनों में खेमाबंदी तेज हुई है। कई लीडरों ने पार्टी छोड़ी है और इसका ठीकरा रियासती सदर पर फोड़ रहे हैं। साबिक़ एमएलए राधाकृष्ण किशोर ने भी रियासती सदर को इस्तीफा भेज दिया। लीडरों के पार्टी छोड़ने को रियासती सदर की नाकामयाबी बताकर नाराज़ लीडरों ने हमले तेज किये हैं। रियासती सदर सुखदेव भगत की शिकायत लेकर पार्टी सदर सोनिया गांधी का दरवाजा खटखटा रहे हैं। साबिक़ रियासती सदर और एमपी प्रदीप बलमुचु के साथ कई लीडर गोलबंद हैं।
गुजिशता दिनों वज़ीर मन्नान मल्लिक और लोहरदगा से उम्मीदवार रहे डॉ रामेश्वर उरांव मिसेस गांधी के पास पहुंचे। रियासत के कियादत के कामकाज पर सवाल उठाया। रियासती कमेटी की तशकील को लेकर लीडरों ने अपनी एतराज़ जतायी। अब पूरा नाराज़ खेमा एक साथ सोनिया गांधी से मिल कर रियासत के कियादत की शिकायत करने पहुंचेगा। इत्तिला के मुताबिक सोनिया गांधी से मिलने का वक़्त भी मांग रहे हैं।
काम नहीं आयी बीके हरि प्रसाद की पंचायती
रियासती इंचार्ज बीके हरि प्रसाद ने गुजिशता दिनों रियासत सदर सुखदेव भगत के साथ नाराज़ ग्रुप की पंचायती भी करायी थी। इसमें रियासती कमेटी को दुबारा तशकील करने पर मंजूरी बनी थी। जिला इंचार्ज को लेकर भी बात उठी थी। रियासती कियादत ने भी कमेटी में फेरबदल की है। नाराज़ लीडरों के नजदीकी लोगों को कमेटी में जगह दी जायेगी। वहीं जिला इंचार्ज के फेरबदल में भी इन लीडरों का ख्याल रखा जा रहा है।
सुबोधकांत और प्रदीप बलमुचु आये साथ
लंबे वक़्त से कांग्रेस के अंदर सुबोधकांत सहाय और प्रदीप बलमुचु की अलग-अलग राहे थीं, लेकिन सुबोध और बलमुचु की नजदीकियां बढ़ी हैं। दिल्ली में इन लीडरों की बैठक हो रही है। गुजिशता दिनों मिस्टर बलमुचु के घर नाराज़ लीडर जुटे, तो मिस्टर सहाय भी पहुंचे। दोनों लीडर दिल्ली में ही हाल में एक साथ बैठे और आगे की पॉलिसी पर गौर किया।