नई दिल्ली, 30 जून: कांग्रेस के नायब सदर राहुल गांधी अपनी पार्टी में ख्वातीन की हिस्सेदारी को लेकर काफी फिक्रमंद हैं। वह तंज़ीम में ख्वातीन की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहते हैं। ख्वातीन को लेकर राहुल गांधी के ये सरोकार हफ्ते के दिन कांग्रेस हेडक्वार्टर में मुनाकिद पार्टी के मरकज़ी ओदहदेदारों के साथ हुई उनकी एक मीटिंग में सामने आए। जहां उन्होंने मरकज़ी तंज़ीम के साथ-साथ पार्टी की अलग-अलग लेवल की शोबो में ख्वातीन की भागीदारी कम से कम 50 फीसदी तय करने की बात कही। मीटिंग में राहुल ने न सिर्फ तंज़ीम में ख्वातीन को 50 फीसदी जगह देने की बात कही, बल्कि इलेक्शन के लिए होने वाले टिकट बंटवारे में 50 फीसदी ख्वातीन को जगह देने की वकालत की। साथ ही उन्होंने ख्वाहिश जताए कि इस हदफ ( टार्गेट) को अगले 2 से 3 सालों के अंदरून इतना ही नहीं, इसके लिए उन्होंने बाकायदा एक रोडमैप भी रखा।
हालांकि यह पहली मर्तबा नहीं होगा, जब कांग्रेस के टॉप लीडरशिप ने ख्वातीन को सामने लाने की बात कही हो। गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस सदर सोनिया गांधी भी तंज़ीम में ख्वातीन की भागीदारी बढ़ाने की पुरजोर वकालत कर चुकी हैं। इतना ही नहीं, पार्टी सदर बनने के बाद सोनिया गांधी ने आईन (संविधान) के ज़ायज़ा के लिए बाकायदा Constitutional Review Committee तश्कील की थी, जिसकी सिफारिशों की बुनियाद पर बाकायदा पार्टी के आईन (संविधान) में फेरबदल भी किया गया।