साबिक़ रियास्ती वज़ीर और जेनरल सेक्रेट्री प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुहम्मद फ़रीद उद्दीन ने कहा कि कांग्रेस सेक्युलर जमात है मगर इस में चंद फ़िर्क़ापरस्त ज़हन रखने वाले क़ाइदीन मौजूद हैं सिवाए 1994 के आम इंतिख़ाबात के तमाम इंतिख़ाबात में मुसलमानों ने कांग्रेस का साथ दिया है।
गांधी भवन में मुनाक़िदा अक़लीयती कन्वेंशन से ख़िताब करते हुए मुहम्मद फ़रीद उद्दीन ने कहा कि अज़ला की नुमाइंदगी करने वाले कई क़ाइदीन ने बताया कि हम हमेशा इंतिख़ाबात में अक्सरीयती तबक़ा के क़ाइदीन को वोट देते हैं मगर जब टिकट हम को (मुस्लमान) को मिलता है तो अक्सरीयत तबक़ा के वोट हमें नहीं मिलते। इस शिकायत से वो भी दो-चार हुए हैं। वो असेंबली हल्क़ा ज़हीराबाद की दो मर्तबा नुमाइंदगी कर चुके हैं जहां अक़लीयतों के सिर्फ़ 13 फ़ीसद वोट हैं।
2009 के आम इंतिख़ाबात में हल्क़ों की नई हदबंदी में उन का हल्क़ा एस सी तबक़ा के लिए मुख़तस हो गया। दोनों रियास्तों में कांग्रेस पार्टी को इक़्तेदार में लाने के लिए अक़ल्लीयतें बिलख़ुसूस मुसलमान काम करें। 4 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात कांग्रेस का कारनामा है। अगर कोई मसाइल पैदा हों तो कांग्रेस दस्तूर में तरमीम करते हुए मुसलमानों को तहफ़्फुज़ात फ़राहम करें।