बुधवार का दिन बिहार की राजनीति में पाला बदलने का दिन रहा. पहले जेडीयू-बीजेपी गठबंधन के साथी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पाला बदला और आरजेडी के साथ हो लिए।
इसके बाद बारी आई बागी कांग्रेसी नेताओं की। पूर्व शिक्षा मंत्री और बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अशोक चौधरी ने भी जेडीयू का दामन थाम लिया।
वह अकेले नहीं गए, अपने साथ कुछ और बागियों को जेडीयू के पाले में डाल दिया। इसमें दिलीप चौधरी, तनवीर अख्तर और रामचंद्र भारती जैसे नेता शामिल हैं।
बिहार में आरजेडी-जेडीयू गठबंधन की सरकार गिरने के बाद जब बीजेपी-जेडीयू के गठबंधन की सरकार बनी, उसी वक्त से इसका ताना-बाना बुना जाने लगा था। बिहार में कांग्रेस के कुल 24 विधायक है।
आरजेडी से जेडीयू का साथ छूटने के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि उसके 18 एमएलए टूटकर जेडीयू में शामिल हो सकते हैं। इस टूट का नेतृत्व अशोक चौधरी कर रहे हैं।
लेकिन अशोक चौधरी ने इस आरोप को खारिज दिया था। इसके बाद राहुल गांधी ने इन नेताओं को दिल्ली तलब किया था।
पार्टी विरोधी हरकतों की वजह से पहले तो अशोक चौधरी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए गए, इसके बाद पार्टी ने इन्हें निलंबित भी कर दिया। दिलीप चौधरी, तनवीर अख्तर और रामचंद्र भारती भी इसी वजह से कांग्रेस से निकाले गए थे।