हैदराबाद 5 जून (सियासत न्यूज़) साबिक़ रियास्ती वज़ीर डी एल रवींद्र रेड्डी ने कहा कि उन्हों ने 35 साल तक कांग्रेस की ख़िदमत की है, जिस का इनाम उन्हें काबीना से बरतरफ़ कर के दिया गया है। आज असेंबली के मीडिया प्वाईंट पर प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए उन्हों ने कहा कि उन्हों ने कभी वज़ारत या पार्टी टिकट के लिए हाईकमान या किसी दूसरे के पास पैरवी नहीं की, सिर्फ़ कांग्रेस के इस्तेहकाम के लिए काम किया है।
वो बहुत पहले अपना इस्तीफ़ा हाईकमान को रवाना कर चुके थे, ताहम उन्हों ने ऐसी कौनसी ग़लती की है? जिस की वजह से उन्हें काबीना से बरतरफ़ किया गया? उन्हों ने इल्ज़ाम आइद किया कि फ़लाही स्कीमात मुतआरिफ़ कराने से क़ब्ल चीफ़ मिनिस्टर वुज़रा को एतेमाद में नहीं ले रहे हैं और ना ही काबीना के इजलास में उस पर ग़ौर किया जा रहा है,
जब कि चीफ़ मिनिस्टर ने उन से इस्तीफ़ा तलब किए बगै़र बरतरफ़ कर दिया। उन्हों ने अपनी बरतरफ़ी पर रद्दे अमल ज़ाहिर करने पार्टी क़ियादत से मुतालिबा किया। उन्होंने कहा कि राज शेखर रेड्डी की मुतआरिफ़ कर्दा स्कीम से बेशतर लोग वाक़िफ़ नहीं हैं।
उन्हों ने चीफ़ मिनिस्टर से इस्तिफ़सार किया कि राजीव युवा करनालू के ज़रीए कितने लोगों को मुलाज़मत फ़राहम की गई है? उन्हों ने बताया कि बंगारूतली स्कीम मुतआरिफ़ होने के बाद उन के और चीफ़ मिनिस्टर के दरमयान दूरियां बढ़ती गईं। उन्हों ने चीफ़ मिनिस्टर से इस्तिफ़सार किया कि वज़ारत की तशकील और वुज़रा का इंतिख़ाब उन का इख़्तियार तमीज़ी है,
ताहम उन्हें बरतरफ़ करने से क़ब्ल इस्तीफ़ा क्यों नहीं तलब किया? उन्हों ने कहा कि अपने हामीयों से तबादले ख़्याल के बाद ही मुस्तक़बिल का लाएह अमल तैय्यार किया जाएगा।