उत्तर प्रदेश के बरेली में कांवड़ यात्रा निकालने को लेकर विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार (23 अगस्त) को एक बार फिर हजारों की संख्या में दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए. हालात बहुत ज्यादा तनावपूर्ण होते देख जिले की पुलिस फोर्स और पीएसी को मौके पर भेज दिया गया है.
दरअसल, 19 अगस्त को बिथरी चैनपुर के खजुरिया ब्रम्हनान गांव में करीब 50 कांवड़ियो का जत्था बदायूं के कछला घाट जल लेने जा रहा था. बताया जा रहा है कि ये सभी मुस्लिम बाहुल्य गांव उमरिया होते हुए कछला जल लेने जाते लेकिन, उमरिया गांव के लोगों ने कावड़ यात्रा का विरोध कर दिया और सड़क पर सैकड़ों लोग आकर जमा हो गए, जिसके बाद डीएम ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी.
नई दिल्ली/बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में कांवड़ यात्रा निकालने को लेकर विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार (23 अगस्त) को एक बार फिर हजारों की संख्या में दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए. हालात बहुत ज्यादा तनावपूर्ण होते देख जिले की पुलिस फोर्स और पीएसी को मौके पर भेज दिया गया है.
दरअसल, 19 अगस्त को बिथरी चैनपुर के खजुरिया ब्रम्हनान गांव में करीब 50 कांवड़ियो का जत्था बदायूं के कछला घाट जल लेने जा रहा था. बताया जा रहा है कि ये सभी मुस्लिम बाहुल्य गांव उमरिया होते हुए कछला जल लेने जाते लेकिन, उमरिया गांव के लोगों ने कावड़ यात्रा का विरोध कर दिया और सड़क पर सैकड़ों लोग आकर जमा हो गए, जिसके बाद डीएम ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी.
Police force and PAC deployed in Bareilly during kanwar yatra
मामला सामने आने के बाद बीजेपी विधायक पप्पू भरतौल ने कांवड़ यात्रा को उमरिया गांव से निकालने की बात कही. उन्होंने कहा कि हर कीमत पर वहीं से कांवड़ निकलेगी. जिसके बाद कांवड़िये धरने पर बैठ गए और पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया. यहां तक कि गांव में जाने वाले हर रास्ते को पुलिस ने बन्द कर दिया.
गुरुवार (23 अगस्त) को विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष पवन अरोड़ा दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ खजुरिया गांव पहुंच गए और वहां धरना शुरू कर दिया. इस वजह से दोनों समुदाय के लोग एक बार फिर सड़कों पर आ गए. जबकि हिंदू समुदाय के लोगों का कहना है कि प्रशासन कांवड़ यात्रा को निकलने नहीं दे रहा है, जिस वजह से तनाव है.
इस मामले में डीएम वीरेंद्र सिंह का कहना है कि खजुरिया, उमरिया और नकटिया में तनाव को देखते हुए पुलिस पीएसी और मजिस्ट्रेट को तैनात कर गया है. उनका कहना है कि आज कुछ लोग गांव में ग्रामीणों को समझाने के लिए पहुचे थे तभी कुछ अफवाह उड़ गई जिस वजह से लोग सड़कों पर आ गए है. हिंसा न भड़के इसलिए यहां मीडिया को भी प्रतिबंधित कर दिया है.