कांस्टेबल अबदुलक़दीर की रिहाई पर हुकूमत तेलंगाना का हमदर्दाना ग़ौर

हैदराबाद:कांस्टेबल अबदुलक़दीर की रिहाई के मुताल्लिक़ हुकूमत तेलंगाना की तरफ से हमदर्दाना ग़ौर किया जाने लगा है। पिछ्ले माह जस्टिस मारकंडे काटजू ने चीफ़ मिनिस्टर तेलंगाना के चन्द्रशेखर राव‌ को मकतूब रवाना करते हुए इस बात की ख़ाहिश की थी कि वो कांस्टेबल मुहम्मद अबदुलक़दीर की रिहाई के अहकाम जारी करें चूँकि मुहम्मद अबदुलक़दीर ना सिर्फ़ एक तवील अर्सा क़ैद-ओ-बंद की ज़िंदगी गुज़ार चुके हैं बल्कि क़ैद-ओ-बंद के दौरान उन्होंने अपना एक पैर भी खो दिया है।

वो डायबिटीज के मरीज़ है इसी लिए उन्हें रिहा कर ने के मुताल्लिक़ हुकूमत को संजीदा ग़ौर करना चाहीए। जस्टिस मारकंडे काटजू की तरफ से मकतूब की इत्तेलाआत ज़राए इबलाग़ के ज़रीये मंज़रे आम पर आने के बाद मुख़्तलिफ़ गोशों से एक मर्तबा फिर कांस्टेबल मुहम्मद अबदुलक़दीर से इज़हार-ए-हमदर्दी की जाने लगी।

डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर मुहम्मद महमूद अली ने अबदुलक़दीर की रिहाई के सिलसिले में चीफ़ मिनिस्टर को मकतूब हवाले करते हुए इस बात की ख़ाहिश की के माह रमज़ान उल-मुबारक के पेशे नज़र फ़ौरी तौर पर अबदुलक़दीर को उबूरी राहत फ़राहम की जाये और उन्हें अपने अफ़रादे ख़ानदान के दरमयान ईद मनाने का मौक़ा दिया जाये।

मुहम्मद महमूद अली की तरफ से इस मकतूब की मोसोली के बाद मुताल्लिक़ा मह्कमाजात और चीफ़ मिनिस्टर के दफ़्तर की तरफ से इस सिलसिले में ग़ौर करना शुरू कर दिया गया है।

जस्टिस मारकंडे काटजू ने रवाना करदा अपने मकतूब में चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव‌ की तवज्जा दहानी दस्तूर की दफ़ा 161की तरफ तवज्जा मबज़ूल करवाते हुए कहा था कि हुकूमत तेलंगाना गवर्नर तेलंगाना-ओ-आंध्र प्रदेश से अबदुलक़दीर की रिहाई के लिए अपील करसकती है और हुकूमत की तरफ् से की गई इस सिफ़ारिश पर गवर्नर दस्तूर की दफ़ा 161के तहत कार्रवाई करते हुए क़दीर को रिहा करने के अहकाम जारी करसकते हैं।

जस्टिस मारकंडे काटजू की तरफ से 2013 में हैदराबाद में मुनाक़िदा एक तक़रीब के दौरान इसवक़्त के चीफ़ मिनिस्टर के किरण कुमार रेड्डी से भी क़दीर की रिहाई के लिए नुमाइंदगी की गई थी जिस का उन्होंने अपने मकतूब में हवाला देते हुए कहा कि इसवक़्त कोई कार्रवाई नहीं होपाई लेकिन अब अबदुलक़दीर जेल में 25साल गुज़ार चुके हैं और उन का एक पैर निकाल दिया गया है एसी सूरत में वो किसी के लिए ख़तरा साबित नहीं होसकते इसी लिए उन्हें इंसानियत की बुनियाद पर फ़ौरी रिहा कर दिया जाना चाहीए।