काउंसिल इंतिख़ाब में अज़ीम इत्तिहाद के तमाम उम्मीदवार रेकॉर्ड वोटों से कामयाबी हासिल करेंगे क्योंकि मरकज़ी हुकुमत ने पंचायत अराकीन के हुकुक की बाजयाबी के लिए कोई ठोस पॉलिसी मरतब नहीं की है जबकि नीतीश हुकूमत ने उनकी तरक़्क़ी के लिए अमली इकदिमात के जरिये एक नयी तारीख रकम की है। ये बातें जेडीयू के सीनियर लीडर सैयद महमूद अशरफ ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहीं। उन्होने कहा की काफी आरज़ा से फिरका परास्त ताकतों की जानिब से इस बात की कोशिश की जा रही है की बिहार में किसी तरह बीजेपी को इक्तिदार में लाया जाये और इस के लिए हर मुमकिन इकदिमात किए जा रहे हैं लेकिन मुझे खुशी इस बात की है की रियासत के आवाम ने फिरका परास्त ताकतों के मंसूबों पर पानी फेर दिया और नीतीश हुकूमत की कियादत मेन चट्टान की तरह एनडीए को शिकस्त देने के लिए पुर अज़म है।
उन्होने कहा की आने वाले एसेम्बली मेन एनडीए की शिकस्त यक़ीनी है क्योंकि रियासत का सेकुलर तबका इस बात को महसूस करता है की बिहार में सेकुलरिज़्म की मजबूती के लिए अज़ीम इत्तिहाद का इक्तिदार में आना निहायत ही ज़रूरी है क्योकि जिस तरह से देहली एसेम्बली इंतिख़ाब में वहाँ के अवाम ने नरेंद्र मोदी के बढ़ते कदम को रोक कर एक बात वाजेह कर दिया की देहली की वोटर्स फिरका परस्ती को किसी भी सूरत में कुबूल नहीं करते और वो काम की बुनियाद पर सियासतदां का इंतिख़ाब करते हैं। आज वही हाल कमो बेश बिहार में देखी जा रही है। जहां बिहार के वोटरों ने नीतीश हुकूमत की कियादत में एक मर्तबा फिर अज़ीम इत्तिहाद को इक्तिदार में लाने का फैसला कर लिया है। जिसकी वजह से फिरका परस्त ताकतों के हौसले पस्त होते जा रहे हैं और यही पस्त हालत उनकी ज़ेहनी तवाज़ीन को तबाह व बर्बाद कर रही है। उन्होने कहा की बिहार सेकुलर्ज़िम का मजबूत क़िला है और इसे फिरका परस्त ताकतों की जानिब से किसी भी सूरत में मसमार नहीं किया जा सकता।