नई दिल्ली, 5 जून: तमिलनाडु में वक्फ बोर्ड की पहली चीफ खातून ने काजी के तलाक के सर्टिफिकेट को जारी करने पर पाबंदी लगाने के लिए मद्रास हाईकोर्ट में एक मुफाद ए आम्मा की दरखास्त दायर की है।
दरखास्त पर सुनवाई करते हुए एग्जिक्युटिव चीफ जस्टिस आर के अग्रवाल और जस्टिस एम सत्यनारायणन ने मरकज़ और रियासती हुकूमत को नोटिस जारी किया है। इस पर दोनों को दो हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा गया है।
अक्लीयती कमीशन की चीफ बदर सईद ने अपनी दरखास्त में कहा है कि काजी को तलाक का सर्टिफिकेट देने का कोई कानूनी या इंतेज़ामी हुकूक नहीं दिया गया है। काजी का तलाक या इससे ताल्लुक कोई भी दस्तावेज जारी करना गैरकानूनी है।
उन्होंने कहा है कि काजी एक्ट 1880 में किसी भी काजी को निकाह के दौरान मौजूद रहने का नियन है। कानून में काजी को तलाक का सर्टिफिकेट देने का कोई हक नहीं दिया गया है।