कानकुनी एस्क़ाम : सबीता रेड्डी से भी सी बी आई की पूछगछ

हैदराबाद 29 अक्टूबर (सियासत न्यूज़) सैंटर्ल ब्यूरो आफ़ इनवेसटी गैशन (सी बी आई) के ओहदेदारों ने आज वज़ीर-ए-दाख़िला श्रीमती पी सबीता इंदिरा रेड्डी से ओबलापोरम कानकुनी एस्क़ाम केस में पूछगछ की। सी बी आई के आला ज़राए ने बताया कि वज़ीर-ए-दाख़िला से आज तहक़ीक़ाती एजैंसी की एक टीम ने उन के दफ़्तर पहूंच कर एक घंटा तक कानकुनी एस्क़ाम से मुताल्लिक़ पूछगछ की।

श्रीमती सबीता इंदिरा रेड्डी, वाई ऐस राज शेखर रेड्डी के दौर-ए-हकूमत में वज़ीर माइनस ऐंड जियालो जी की हैसियत से काम करचुकी हैं। बावर किया जाता है कि सी बी आई को इस बात का पता लगा है कि सबीता इंदिरा रेड्डी के दौर में ही कर्नाटक के साबिक़ वज़ीर-ओ-ओबलापोरम कानकुनी एस्क़ाम के कलीदी मुल्ज़िम गाली जनार्धन रेड्डी की कंपनीयों को कई लाईसैंस जारी किए गए थी।

रियास्ती वज़ीर-ए-दाख़िला से सी बी आई की पूछगछ के बाद सयासी हलक़ों में हलचल मच गई क्योंकि तहक़ीक़ाती एजैंसी ने साबिक़ मैं ख़ातून आई एसए ऑफीसर वाई सिरी लक्ष्मी से पूछगछ के बाद ही उन्हें इस केस में माख़ूज़ करते हुए मुल्ज़िम क़रार दिया था। सी बी आई ने माइनिंग डिपार्टमैंट के साबिक़ डायरैक्टर राज गोपाल और रमथीरता राउ से भी पूछगछ की थी।

वाज़ेह रहे कि सी बी आई ने सितंबर में कर्नाटक के साबिक़ वज़ीर गाली जनार्धन रेड्डी और माइनिंग कंपनी के डायरैक्टर वे सरीनवास रेड्डी को बेल्लारी से गिरफ़्तार करते हुए उन के दफ़ातिर और मकानों से कई केलो सोना और करोड़ों रुपय की रक़म ज़बत की थी जिस के बाद उन्हें हैदराबाद मुंतक़िल करते हुए चंचल गौड़ा जेल भेज दिया था।

सी बी आई ज़राए ने बताया कि वज़ीर-ए-दाख़िला से पूछगछ तहक़ीक़ात का एक हिस्सा है और तहक़ीक़ाती एजैंसी के ओहदेदारों ने इस सिलसिला में मज़ीद तफ़सीलात बताने से इनकार करदिया।