कानपुर : सिख दंगों पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से मांगा जवाब

गुरुद्वारा भाई बन्नो साहिब के प्रधान और दंगा राहत कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सरदार मोहकम सिंह ने बताया कि अब तक जो भी लड़ाई थीं वह मुआवजा के लिए लड़ी गईं। यह लड़ाई उन लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ी जा रही है जो दंगे में मौत का शिकार हुए। आरटीआई ने इसमें काफी मदद की। इसके माध्यम से थानावार जानकारी मांगी गई थी जिसमें पुलिस कार्रवाई की पोल खुली।
तीन सदस्यीय पीठ ने की सुनवाई
अखिल भारतीय दंगा राहत कमेटी की रिट पर बुधवार को तीन जजों की पीठ ने सुनवाई की। कमेटी की ओर से अधिवक्ता प्रसून कुमार ने दिल्ली से फोन पर ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानवेलकर और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय के समक्ष यह आग्रह किया गया कि 84 के बाद से अब तक जिन लोगों की दंगे में हत्या हुईं या संपत्ति का नुकसान हुआ उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह भी आग्रह किया गया कि इसकी सीबीआई या एसआईटी जांच कराई जाए।

अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने केन्द्र सरकार से अगली सुनवाई तक जवाब मांगा है। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार कुलदीप सिंह भोगल ने बताया कि लंबे समय से कमेटी न्याय के लिए प्रयास कर रही है। कमेटी को कोर्ट से ही इंसाफ की आस बची है।