काबीना में रद्दोबदल मुतवक़्क़े, सोनीया की सीनीयर क़ाइदीन से मुशावरत

नई दिल्ली, २५ सितंबर (पी टी आई) सदर कांग्रेस सोनीया गांधी ने आज कुछ मर्कज़ी वुज़रा ( केंद्रीय मंत्री) और सीनीयर पार्टी क़ाइदीन ( लीडर) के साथ मुशावरती इजलास ( मीटिंग) मुनाक़िद ( आयोजित) किया। याद रहे कि सयासी हलक़ों में ये क़ियास आराईयां की जा रही हैं कि काबीना ( मंत्रीमंडल) में एक बार फिर रद्दोबदल हो सकता है।

सोनीया गांधी की सरकारी रिहायश गाह 10 जनपथ पर इन से मुलाक़ात करने वालों में वज़ीर रोड-ओ-ट्रांसपोर्ट सी पी जोशी जिन्हें तृणमूल कांग्रेस के वुज़रा बिशमोल ( जिसमें) वज़ीर रेलवे मुकुल राय के इस्तीफ़ा के बाद वज़ारत रेलवेज़ की ज़ाइद ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई है, शामिल थे।

सोनीया गांधी ने वज़ीर-ए-आला महाराष्ट्रा पृथ्वी राज चौहान से भी मुलाक़ात की, जिन के बारे में ये क़ियास आराईयां की जा रही हैं कि उन्हें मर्कज़ में काबीनी वज़ीर ( Cabinet Minister) बनाया जा सकता है। इलावा अज़ीं ( इसके अतिरिक़्त) नारायण राणे और दीगर वुज़रा ने भी सोनीया गांधी से मुलाक़ात की, जिन में ए आई सी सी के महाराष्ट्रा इंचार्ज मोहन प्रकाश शामिल हैं।

ज़राए ( सूत्रों) ने बताया कि वज़ीर-ए-आला चौहान की मर्कज़ी काबीना में इमकानी शमूलीयत और विलास राव देशमुख के इंतेक़ाल के बाद दो मख़लवा नशिस्तों ( सीटों)के लिए महाराष्ट्रा को मुनासिब नुमाइंदगी दी जाएगी। सोनीया गांधी ने वज़ीर-ए-सेहत ग़ुलाम नबी आज़ाद, ए आई सी सी ख़ाज़िन मोती लाल वोरा और अपने सेक्रेटरी अहमद पटेल से भी मुशावरत ( बातचीत) की।

क़ब्लअज़ीं ये क़ियास आराईयां भी की जा रही थीं कि ग़ुलाम नबी आज़ाद को सिर्फ पार्टी उमूर के लिए वक़्फ़ कर दिया जाएगा लेकिन इस की तौसीक़ ( पुष्टी) नहीं हुई। ज़राए ने मज़ीद बताया कि वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने चूँकि एक इस्लाही एजंडा का इशारा दिया है लिहाज़ा काबीना ( Cabinet) में रद्दोबदल एहमीयत की हामिल होगी।

अब जबकि तृणमूल कांग्रेस के छः वुज़रा मुस्ताफ़ी ( त्याग पत्र दे चुके ) हो गए हैं लिहाज़ा मग़रिबी बंगाल से कांग्रेस के दो या तीन वुज़रा को मौक़ा दिया जाएगा। इस सिलसिला में दीपा दासमुंशी, अधीर चौधरी जिन्हें ममता बनर्जी का कट्टर हरीफ़ तसव्वुर किया जाता है, के इलावा मग़रिबी बंगाल पी सी सी सरबराह प्रदीप भट्टाचार्य जी के नाम भी लिए जा रहे हैं। दूसरी तरफ़ ए आई सी सी सेक्रेट्रेट में रद्दोबदल की क़ियास आराईयां भी की जा रही हैं, जहां अमेठी एम पी राहुल गांधी को ज़ाइद ज़िम्मेदारीयां तफ़वीज़ ( सुपुर्द) की जाएंगी।

उसे वुज़रा ( मंत्री) जो बैयकवक़त दो क़लमदानों ( पदो) की ज़िम्मेदारीयां सँभाले हुए हैं, इन से एक वज़ारत का क़लमदान वापस ले लिया जाएगा।इस दौरान सी पी जोशी ने वज़ारत रेलवे की ज़ाइद ज़िम्मेदारी सँभाल ली। उन्होंने कहा कि मुसाफिरैन का तहफ़्फ़ुज़ (हिफाजत) उन की अव्वलीन तरजीह होगी।

इस के साथ साथ रेलवे को असरी बनाने और मसाफिरैन को ज़्यादा सहूलतें फ़राहम करने पर तवज्जा दी जाएगी।उन्होंने रेलवेज़ और रोड एंड हाई वेज़ वज़ारतों के आला ओहदेदारों का इजलास ( सभा) तलब किया और सड़कों के इलावा लेवल क्रासिंग पर ब्रिज की तामीर के मुआमला में इख़तिलाफ़ात ख़त्म करने की हिदायत दी।

शाहराहों (राजमार्गो) की तौसीअ ( पुष्टी) के मुआमला में इन दो वज़ारतों के माबेन (बीच) इख़तिलाफ़ात रुकावट बन रहे हैं। सी पी जोशी ने जिन के पास रोड एंड हाई वेज़ का क़लमदान भी है कहा कि दोनों वज़ारतों को मिलकर इन ब्रिज के डेज़ आईन को क़तईयत देनी चाहीए।

सी पी जोशी को टी एम सी की यू पी ए हुकूमत की ताईद ( समर्थन) से दसतबरदारी ( हट जाने) के बाद रेलवे की इज़ाफ़ी ज़िम्मेदारी दी गई है। आज रेल भवन का पहली मर्तबा दौरा करने के बाद उन्हों ने ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों ( पत्रकारों) से बात चीत करते हुए कहा कि मुसाफिरैन की हिफ़ाज़त उन की अव्वलीन तरजीह होगी।

उन्होंने कहा कि हिंदूस्तान की मआशी ( माली) तरक़्क़ी में रेलवेज़ का नुमायां रोल है। मुसाफिरैन के कर एवं में मुजव्वज़ा ( तय किया हुआ) इज़ाफ़ा वापस लेने की वजह से रेलवेज़ पर इज़ाफ़ी बूझ के बारे में जब उन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में तब्सिरा क़बल अज़ वक़्त होगा।