काबुल:ख़ुदकुश धमाके,59 अफ़राद हलाक

काबुल-6 दिसम्बर (एजेंसीज) काबुल और मज़ार शरीफ़ में होने वाले बम धमाकों में 58 अफ़राद हलाक गए हैं और दोनों हमलों में बज़ाहिर शीया मुस्लमान हदफ़ थे अफ़्ग़ानिस्तान में हुक्काम के मुताबिक़ दार-उल-हकूमत काबुल में वाक़ै एक पुर हुजूम मज़ार में शीया अज़ादारों पर बम हमले में कम अज़ कम 54 अफ़राद हलाक और मुतअद्दिद ज़ख़मी हो गए हैं।(महलुकिन कि तादाद मे अजाफ़े का खद्शा बरकरार है)

ख़्याल किया जा रहा है कि ये धमाका एक ख़ुदकुश बमबार की कार्रवाई थी। ख़ुद को लश्कर झंगवी अलालमी का तर्जुमान ज़ाहिर करने वाले अब्बू मंसूर नामी शख़्स ने ना मालूम मुक़ाम से बीबी सी पाकिस्तान को फ़ोन करके काबुल धमाके की ज़िम्मेदारी क़बूल करली है। दरीं असना मुल्क के शेमाली शहर मज़ारे शरीफ़ में भी एक धमाके में चार अफ़राद हलाकहो गए हैं। दोनों धमाके दोपहर को बैयक वक़त हुए हैं। इन धमाकों में मुतअद्दिद अफ़राद ज़ख़मी भी हुए हैं।

अफ़्ग़ानिस्तान की वज़ारत-ए-सेहत का कहना है कि 68 ज़ख़मी अफ़राद को दावा खाना लाया गया है। ये धमाके अफ़्ग़ानिस्तान के मुस्तक़बिल के बारे में जर्मनी में होने वाली आलमी कान्फ़्रैंस के इनइक़ाद के अगले ही रोज़ हुए हैं। नामा निगारों का कहना है कि ये धमाके फ़िर्कावाराना नौईयत के लगते हैं जो अफ़्ग़ानिस्तान की हालिया तारीख़ में ग़ैरमामूली बात है। अफ़्ग़ानिस्तान में मंगल को आम तातील है और वहां शीया मुस्लमान यौमे आशूर मना रहे हैं।

काबुल में मौजुद नामा निगार कोइनटन सिमरोल का कहना है कि हलाक होने वालों में ख़वातीन और बच्चे भी शामिल हैं और पूरे शहर में एम्बूलैंस के सायरन की आवाज़ें सुनी जा रही हैं।अफ़्ग़ानिस्तान में भी शीया अक़ल्लीयत और सुन्नी अक्सरीयत में कशीदगी रहती है ताहम इराक़ और पाकिस्तान की तरह अफ़्ग़ानिस्तान में इतने बड़े पैमाने पर फ़िर्कावाराना तशद्दुद कभी कभार ही देखा गया है।

जराए का कहना है कि लगता है जैसे शीया बिरादरी पर दोनों हमले मुनज़्ज़म अंदाज़ में किए गए हैं और ये बड़े पैमाने पर ग़ैरमामूली फ़िर्कावाराना हमले हैं। मज़ारे शरीफ़ के वाक़िया में बम को एक साईकल पर नसब किया गया था जो एक मस्जिद के क़रीब खड़ी थी और ये बम काबुल के धमाके के फ़ौरन बाद फट गया था। ख़बररसां इदारे ए पी के मुताबिक़ सूबा-ए-बलख़ की पुलिस के नायब सरबराह अबदुर्रऊफ़ ताज ने कहा है कि बम धमाका उस वक़्त हुआ जब इस के क़रीब से जलूस गुज़र रहा था।