बंदूक़ बर्दारों ने सहर के वक़्त से पहले काबुल इंटरनेशनल एयर पोर्ट पर राकेट हमला किया जिस की वजह से एयर पोर्ट आरिज़ी तौर पर बंद कर दिया गया। फ़ौज और हमला आवरों के दरमियान फायरिंग का तबादला हुआ। जिस में चारों अस्करीयत पसंद हलाक होगए। अस्करीयत पसंदों ने दो इमारतों पर क़बज़ा करलिया था जो एयर पोर्ट से 700 मीटर शुमाल में ज़र-ए-तामीर थीं और उन्हें अपने अड्डे के तौर पर इस्तेमाल कररहे थे।
वहां से रास्त राकेट हमले और फायरिंग एयर पोर्ट पर की जा रही थी। बैन-उल-अक़वामी लड़ाका जेट तय्यारे काबुल के ऊपर परवाज़ कररहे हैं। उन्हें हमला का निशाना बनाया जा रहा था। अफ़्ग़ान फ़ौज के जनरल अफ़ज़ल अमान और काबुल पुलिस के सरबराह मुहम्मद ज़ाहिर ज़ाहिर ने बादअज़ां कहा कि चारों हमलावर हलाक करदिए गए हैं।
हमला बंद होगया है। कोई भी शहरी या मुलाज़िम पुलिस हलाक नहीं हुआ। बादअज़ां एयर पोर्ट दुबारा खोल दिया गया और परवाज़ों का आग़ाज़ होगया। क़ब्लअज़ीं फ़ौज ने रन वे का मुआइना किया था और धमाको माद्दे और कर च्चयां तलाश कररहे थे। सहर के वक़्त से क़ब्ल ये हमला अफ़्ग़ानिस्तान में कशीदा सूरत-ए-हाल के पेशे नज़र एहमियत रखता है|
क्योंकि सदारती इंतेख़ाबात के दूसरे मरहले में तनाज़ा पैदा होगया है और बेशतर ग़ैर मुल्की फ़ौजीयों के जारीये साल के आख़िर में तख़लिया से क़बल इक़्तेदार की पुरअमन मुंतक़ली मशकूक होगई है। तालिबान के तर्जुमान ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने टेलीफ़ोन करते हुए एक ख़बररसां इदारे से कहा कि ये हमला तालिबान ने किया था।
अमान ने कहा कि एयर पोर्ट पर कई राकेट हमले किए गए लेकिन किसी भी तय्यारे को नुक़्सान नहीं पहूँचा। एयर पोर्ट पर सीवीलीन परवाज़ें होती हैं और ये नाटो ज़ेर-ए-क़ियादत अफ़्वाज का अड्डा भी है जो तालिबान और दीगर शोरिश पसंदों से गुज़िश्ता 10 साल से झड़पों में मसरूफ़ है। एयर पोर्ट के क़रीब राकेट हमले कोई नई बात नहीं है लेकिन आम तौर पर एयर पोर्ट के इतने क़रीब कभी नहीं हुए थे। काबुल के अमरीकी सिफ़ारत ख़ाना में चौकसी इख़तियार करली गई थी क्योंकि शहर में भी हमले का इतना ही था।