अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 80 लोगों की मौत हो गई। धमाके जिस जगह पर हुए वहां हज़ारा समुदाय के हज़ारों लोग प्रदर्शन कर रहे थे।
चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इस्लामिक स्टेट से जुड़ी अमाक़ न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक दो लड़ाकों ने काबुल में “शिया समुदाय की भीड़ में विस्फोटकों की बेल्ट से धमाका किया।”
अफ़ग़ानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस हमले में 230 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। तालिबान ने इस हमले की निंदा की है। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने मीडिया को एक ईमेल भेजा है, जिसमें कहा गया है कि इस हमले के पीछे उनका हाथ नहीं है।
अधिकारियों के मुताबिक धमाका देह मज़ांग चौक पर हुआ। वहां हज़ारा समुदाय के हज़ारों लोग विरोध प्रदर्शन के लिए जुटे थे। वो प्रस्तावित बिजली सप्लाई लाइन का रास्ता बदलने के खिलाफ मार्च निकाल रहे थे।
बीबीसी अफ़ग़ान के लिए काम करने वाले एक स्वतंत्र पत्रकार के मुताबिक मौके पर हर तरफ खून और शरीर के हिस्से बिखरे हुए हैं। आसपास मलबा भी बिखरा हुआ है।
हज़ारा समुदाय के लोग इस बात से नाराज़ हैं कि तुर्कमेनिस्तान से काबुल आने वाली बिजली आपूर्ति लाइन बामयान और वारदाक प्रांत से नहीं गुज़रेगी। यहां हज़ारा समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं।