आखिरकार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने माना ही लिया कि कारगिल युद्ध भारत की पीठ पर छुरा घोंपने जैसा था। उन्होंने एक टीवी चैनल पर पैनल डिस्कशन के दौरान यह बात कबूली।
एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल पर 15 फरवरी को आई खबर और पैनल डिस्कशन में बताया गया कि वजीरे आजम नवाज शरीफ ने एक जनसभा में कारगिल युद्ध को भारत के पीठ पर छुरा घोंपने जैसा बताया। शरीफ ने भारत की ओर संबोधित करते हुए कहा कि बीच में एक बॉर्डर आ गया, बाकी आप और हम सब एक ही तरह के हैं। एक ही जमीन के मेंबरान हैं। शरीफ ने कहा कि आलू और गोश्त आप भी खाते हैं और हम भी खाते हैं। यह हमें बड़ा पसंद है।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की दोस्ती को याद करते हुए शरीफ ने कहा कि वाजपेयी साहब ने इस बात का गिला किया। उन्होंने कहा था कि जनाब एक तरफ तो लॉ ऑफ डिक्लियरेशन हो रहा है और दूसरी तरफ कारगिल का मिसएडवेंचर देकर पीठ में छुरा घोंपा गया।
नवाज शरीफ ने कहा कि वाजपेयी साहब ठीक कहते हैं। उनकी जगह मैं भी होता तो यही कहता। उनकी पीठ में वाकई छुरा घोंपा गया था। शरीफ ने मजबूरी जताते हुए कहा कि लेकिन मैं ये गिला किससे करूं अब। उन्होंने कहा कि जिस रब को आप मानते हैं उस रब को हम भी मानते हैं। उनसे ही गिला करूं। (एजेंसी)
WD
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