कावेरी आबी तनाज़ा : एहसासात को दुश्मनी में तब्दील ना किया जाए : करूणानिधि

चेन्नई, 04 दिसंबर: (पी टी आई) कावेरी आबी तनाज़ा पर तमिललनाडू कर्नाटक सरहद पर कशीदगी की रिपोर्टस के दरमियान डी एम के सरबराह एम करूणानिधि ने आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि कर्नाटक में बी जे पी और तमिलनाडू में ए आई ए डी एम के को अवाम के दरमियान पाए जाने वाली तल्ख़ियों को दुश्मनी में तब्दील करने की कोशिश नहीं करनी चाहीए ।

उन्होंने कहा कि इस तनाज़ा को वो एक अर्सा से पुरअमन तरीका और आपसी ताल मेल से सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मिलने वाली कुछ रिपोर्टस से ये ज़ाहिर हो रहा है कि कर्नाटक के महकमा जंगलात के कुछ आफ़िसरान सरहदी इलाक़ों में आबाद तमिल अवाम को वहां से जबरी तौर पर निकल जाने की हिदायत कर रहे हैं, जो इंतिहाई गैर मुनासिब बात है ।

उन्होंने कहा कि ज़रूरत इस बात की है कि दोनों रियासतें इस तनाज़ा की यकसूई पुरअमन तौर पर करें। ला एंड आर्डर बिगड़ने ना पाए। अगर मामूली बातों पारियों एक ही मुल्क के अवाम इस तरह दस्त-ओ-गरीबां हो जाएं तो फिर हिंदूस्त्तानी का क्या होगा ।

हम रियासत और लिसानी तौर पर ज़रूर अलैहदा हैं लेकिन जब क़ौमियत की बात आई है तो हम सब हिंदूस्तानी हैं। ऐसी सूरत में कर्नाटक , तमिलनाडू की सरहद से तमिल अवाम को निकाल बाहर करना इंसानियत के मुग़ाइर है। क्या इससे श्रीलंका की एल टी टी ई यह तमिल बाशिंदों की याद ताज़ा नहीं हो गई जो एक अर्सा से अपने इलाक़ा के हुसूल के लिए नबरदआज़मा हैं।

ज़रूरत इस बात की है कि कर्नाटक के अवाम तमिलनाडू में और तमिलनाडू के अवाम कर्नाटक में बला ख़ौफ़ ख़तर रहीं। सिर्फ़ कावेरी आबी तनाज़ा पर जारी अवामी एहसासात को दुश्मनी में तब्दील करने की चंदाँ ( कोई) ज़रूरत नहीं है । पानी सब की ज़रूरत है। कोई ऐसा मुतबादिल रास्ता निकाला जाए जिससे अवाम को मुश्किलात का सामना ना हो और ला एंड आर्डर भी बरक़रार रहे।