कावेरी तनाज़ा पर जयाललीता शेटार मीटिंग नाकाम

बैंगलोर, ३० नवंबर: (पीटीआई)कावेरी आबी तक़सीम तनाज़ा के बारे में तमिलनाडू और कर्नाटक के वुज़राए आला के दरमियान सुप्रीम कोर्ट की तजवीज़ पर मुनाक़िदा बात चीत आज तात्तुल तोड़ने में नाकाम रही क्योंकि दोनों फ़रीक़ैन अपने मारूफ़ अटल मौक़िफ़ पर बरक़रार हैं।

ज़ाइद अज़ 1 घंटा तवील मीटिंग के बाद चीफ मिनिस्टर तमिलनाडू जयाललीता ने कहा कि उन्होंने 30 टी एम सी फीट पानी की मामूली अक़ल्ल तरीन ज़रूरत का तक़ाज़ा किया था लेकिन कर्नाटक ने सर्दमहरी से इनकार करते हुए कहा कि वो एक क़तरा पानी तक जारी करने के मौक़िफ़ में नहीं है ।

चीफ मिनिस्टर कर्नाटक जगदीश शेटार (Jagadish Shettar) ने अपनी रियासत के मज़ीद कोई भी पानी जारी करने से क़ासिर होने का इज़हार करते हुए कहा कि रियासत में सूरत-ए-हाल पहले ही मुश्किल है और वो तमिलनाडू को पानी जारी करने के मौक़िफ़ में नहीं है ।

ये मीटिंग फ़ाज़िल अदालत की दोनों चीफ मिनिस़्टरों को इस तजवीज़ पर मुनाक़िद हुई कि वो मुलाक़ात करते हुए इस हस्सास आबी तनाज़ा का कोई दोस्ताना हल ढूंढ निकाले।

जयाललीता ने अख़बारी नुमाइंदों को बताया कि अब हमें कल वापस सुप्रीम कोर्ट से रुजू होना पड़ेगा और हम उसे आज की मीटिंग के नतीजा के ताल्लुक़ से मतला करेंगे। शेटार ने कहा कि कर्नाटक के अपने ज़ख़ीरा में सिर्फ़ 37 टी एम सी फीट पानी है जिस में से 20 टी एम सी फीट बैंगलोर , दीगर शहरों और देही इलाक़ों को पीने के पानी की सरबराही के लिए दरकार है ।

इस रियासत ने उसे दरपेश सख़्त ख़ुश्कसाली सूरत-ए-हाल के बारे में भी वज़ाहत की । दूसरी तरफ़ जयाललीता ने पानी की इजराई के लिए मज़बूत केस पेश करते हुए अपने हम मंसब को बताया कि अगर कर्नाटक से मज़ीद पानी जारी नहीं किया जाता है तो सांबा फ़सल सड़कर तलफ़ हो जाएगी ।