काग़ज़ी शेर और रॉयल बंगाल शेर में फ़र्क़: ममता बनर्जी

तृणमूल कांग्रेस सरबराह ममता बनर्जी ने बी जे पी वज़ारत-ए-उज़मा उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को फिर एक बार ज़बरदस्त तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए कहा कि काग़ज़ी शेर और रॉयल बंगाल शेर में काफ़ी फ़र्क़ है।

उन्होंने ज़िला पुरलिया में इंतिख़ाबी रैली से ख़िताब करते हुए कहा कि क्या उन्हें (मोदी) को ये भी पता नहीं कि काग़ज़ी शेर और रॉयल बंगाल शेर में काफ़ी फ़र्क़ होता है। बंगाल में रॉयल बंगाल शेर मज़ाफ़ाती में पाया जाता है।

ममता बनर्जी ने कहा कि तख़रीबी, फ़सादात‌ का मोअज्जब बनने वाले और नसली इमतियाज़ रखने वाले दस्तूरी तौर पर वज़ारत-ए-उज़मा की कुर्सी तक नहीं पहुंच सकते जिन्हों ने हिंदू और मुसलमानों के माबैन फ़सादात‌ किराए और नसली इमतियाज़ पैदा किया इस के इलावा बंगाली और ग़ैर बंगाली तक़सीम की उन्हें क़ानूनी और दस्तूरी तौर पर वज़ारत-ए-उज़मा की कुर्सी पर बैठने का हक़ नहीं है।

उन्होंने कहा कि दस्तूर के मुअम्मारों जैसे बाबासाहब अंबेडकर ने दूर अंदेशी का मुज़ाहरा करते हुए इस बात को यक़ीनी बनाया कि सेकूलरिज्म बरक़रार रहे और इस आला ओहदा तक पहुंचने का रास्ता आसान ना बन जाये। उन्होंने कहा कि हमारे मुल्क का दस्तूर सेकूलरिज्म की तमानीयत देता है।