नई दिल्ली, ०३ अक्टूबर ( पी टी आई) बोहरान ( संकट) का शिकार किंग फिशर एयर लाईन्स के स्टाफ़ अरकान जुज़वी लॉक आउट के बाद आला सतही ओहदेदारों ने DGCA सरबराह से मुलाक़ात की और वादा किया कि स्टाफ़ अरकान की जो तनख़्वाहें गुज़शता छः माह से वाजिब अलादा हैं उन्हे अंदरून चंद रोज़ अदा कर दिया जाएगा ।
एयर लाईन्स के CEO संजय अग्रवाल जिन्होंने एग्ज़ीक्यूटिव नायब सदर महतीश पटेल के साथ DGCAसरबराह अरूण मिश्रा से मुलाक़ात की और इल्ज़ाम आइद किया ( लगाया) कि एयर लाईन्स में बोहरान ( संकट) पैदा करने के लिए सिर्फ़ चंद मुलाज़मीन ही ज़िम्मेदार हैं जिस की वजह से एयर लाईन्स की कारकर्दगी 4 अक्टूबर तक ठप होकर रह गई है क्योंकि 4 अक्टूबर तक एयर लाइंस ने अपने कोई टिकट फ़रोख्त ( बेचना) नहीं किए हैं ।
दरीं असना मिस्टर अग्रवाल ने DGCA को तफ़सीली तौर पर बताया कि किस तरह एयर लाईन्स माली बहरीन ( माली संकट) से दो-चार है । उन्होंने ये भी बताया कि एयर लाईन्स बोहरान के ख़ातमा के लिए आइन्दा क्या इक़दामात ( कार्य्निष्पादन) करने वाली है इस मुलाक़ात के बाद मिस्टर अग्रवाल ने अख़बारी नुमाइंदों ( पत्रकारों) से बात करते हुए कहा कि हम ने DGCA को अपने मौक़िफ़ ( निश्चय) से वाक़िफ़ करवा दिया है ।
वाजिब अलादा तनख़्वाहों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि आइन्दा कुछ दिनों में तनख़्वाहों की अदायगी भी अमल में आएगी । उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि ख़ुद उन की तनख़्वाह भी वाजिब अलादा है । वो ख़ुद भी माली बोहरान से दो-चार हैं जिस का तसफ़ीया सिर्फ़ बातचीत के ज़रीया ही हो सकता है ।
यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि किंगफिशर एयर लाईन्स की 8000 करोड़ रुपय के नुक़्सान का सामना है जबकि दीगर 7000 करोड़ रुपय क़र्ज़ा जात भी किंगफिशर पर वाजिब अलादा हैं । किंगफिशर के मुतअद्दिद (बहुत से) तय्यारे ( विमान) एयरपोर्ट अथॉरीटी आफ़ इंडिया की तहवील (कब्ज़े) में हैं क्योंकि गुज़शता चनदमाह से अथॉरीटी को रक़ूमात की अदायगी नहीं की गई है ।