अकबर केस:जानी मियां ने बदल दिया अपना बयान

हैदराबाद 02 मार्च: चंदरायनगुट्टा रुकने असेंबली हमला केस की समाअत के मौके पर गनमैन मुहम्मद जानी उर्फ़ जानी मियां पर जरह दूसरे दिन
भी जारी रहा।

वकील दिफ़ा की तरफ से सवालात किए जाने पर गवाह इस्तिग़ासा ने अपना बयान कलमबंद करवाया। जानी मियां ने अदालत में कल दिए गए बयान में बताया था कि एक शख़्स दूसरे शख़्स पर हमला करने पर उसे फायरिंग करने का इख़तियार हासिल है लेकिन आज अपने को मुकम्मिल तौर पर तबदील कर दिया और बताया कि ट्रेनिंग के दौरान उसे ये तर्बीयत दी गई थी कि अगर ब्रहम हुजूम की तरफ से हमला किए जाने पर पहले एहतियाती तौर पर हवाई फायरिंग की जानी चाहीए और
बादअज़ां पैरों पर फायरिंग की जानी चाहीए।

क़ानून के मुताबिक़ वो पहले हवाई फायरिंग के ज़रीये हमला-आवर को मुंतशिर करना
चाहीए और इस के पैरों पर गोली चलानी चाहीए लेकिन उसने रुकने असेंबली अकबरु द्दीन उवैसी पर हमला करने वाले नौजवान पर फायरिंग कर दी जिसकी वजह से वो नौजवान बरसर मौक़ा हलाक हो गया। गनमैन ने ये भी एतराफ़ किया कि ट्रेनिंग के दौरान उसे तर्बीयत दी गई थी कि किसी भी शख़्स पर हमला किए जाने पर उसे बचाने को अव्वलीन तर्जीह दी लेकिन हमले के रोज़ उसे एहतियात बरतने का मौक़ा
नहीं मिला।

जरह के दौरान मुहम्मद जानी ने अदालत को बताया कि हमला केस में मुल्ज़िमीन की शनाख़ती परेड के लिए वो जेल गया था लेकिन अहमद बलालापर पिस्तौल तानने वाले शख़्स की शिनाख़्त नहीं करसका। उसने ये भी बताया कि हमले के दिन जिप्सी कार के दाएं और बाएं तरफ फायरिंग करने वाले हमला-आवर की शिनाख़्त नहीं करसके।

वकील दिफ़ा के सवाल का जवाब देते हुए गनमैन ने बताया कि इस केस से जड़े हुए लोगें को शिनाख़ती परेड में पेश किया गया था जबकि कुछ ही देर बाद इस गवाह ने बताया कि इस केस से ताल्लुक़ नहीं रखने वाले लोगें को भी शिनाख़ती परेड में पेश किया गया। गनमैन ने चंदरायनगुट्टा पुलिस स्टेशन में इस के ख़िलाफ़ क़त्ल का मुक़द्दमा जिसका क्राईम नंबर 313/2012 है, दर्ज किए जाने पर लाइलमी का इज़हार किया।