एक शामी अहलकार ने पीर के रोज़ इस बात की क़तई तरदीद की कि मुल्क की चार साला ख़ाना-जंगी के दौरान कीमीयाई हथियारों का इस्तेमाल किया गया। मुआविन वज़ीरे ख़ारजा, फ़ैसल मक़दद ने कीमीयाई हथियारों पर मुमानअत पर मामूर इदारे को बताया कि हम यहां ये वाज़ेह करना चाहते हैं कि शाम के अरब जम्हूरिया में किसी वाक़े या किसी कार्रवाई के दौरान, इस बोहरान के आग़ाज़ से अब तक, कभी क्लोरीन या दीगर ज़हरीले कीमीयाई मवाद इस्तेमाल नहीं किया।
सन 2013 में तंज़ीम में शमूलीयत के बाद, शाम ने कीमीयाई हथियारों के ऐलान कर्दा 1300 टन के ज़ख़ीरे में से 99 फ़ीसद से ज़ाइद को तलफ़ किया गया था। ताहम, यूरोपीय यूनीयन के एलची ने पीर के रोज़ हेग में मुनाक़िदा सालाना इजलास में शाम की मुज़म्मत की जिसने, बाक़ौल उन के, तंज़ीम के सामने कीमाई हथियारों के ज़ख़ीरे के ऐलान में तज़ादात और कमी बेशी नज़र आई। ये इदारा ज़हरीले हथियारों को तलफ़ करने के काम की निगरानी करता है।