महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी को मिला फ्रेंच सम्मान

नयी दिल्ली- महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी भट्टाचार्य को शांति को बढ़ावा देने, एकता, संस्कृति, शिक्षा और विकास में उनके योगदान के लिए फ्रांस के शीर्ष सम्मानों में से एक ‘द ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेर्ट्स’ से नवाजा गया है।

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82 वर्षीय तारा को ‘द ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेर्ट्स’ से कल देर शाम फ्रांस के राष्ट्रपति की ओर से फ्रांस के राजदूत फ्रेंकोइस रिचियर ने सम्मानित किया।

पुरस्कार को ग्रहण करते हुए तारा ने कहा कि गांधी की निडरता को सीखने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘गांधी की निर्भीकता अलग थी। उनकी निर्भीकता प्यार और करूणा से बनी थी। मुझे याद है कि उनके कक्ष, उनके दरवाजे हमेशा खुले रहते थे। शायद ही किसी को उनसे मिलने के लिए वक्त लेना पड़ता था।’’ तारा ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि राजनीतिज्ञ कमरे से बाहर यह कहते हुए आते थे कि वे उनके विचार से असहमत हैं। वे शायद अपना नजरिया नहीं बदलते थे लेकिन वे निश्चित तौर पर उनके दोस्त बन जाते थे। इस निर्भीकता की हमें आज जरूरत है।’’ दूतावास ने एक बयान में कहा कि यह सम्मान तारा के शांति को बढावा देने, एकता, संस्कृति, शिक्षा और विकास के क्षेत्र में उल्लेखनिय काम को पहचान देता है जो उन्होंने अपने दादा महात्मा गांधी की स्मृति और विसारत को जारी रखने की प्रतिबद्धता के जरिए किया है।

दिवंगत देवदास गांधी और दिवंगत लक्ष्मी देवदास गांधी की पुत्री तारा प्रमुख अर्थशास्त्री दिवंगत ज्योति प्रसाद भट्टाचार्य की विधवा हैं।

पिछले 28 सालों से वह कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय मेमोरियल ट्रस्ट के लिए काम कर रही हैं। इस ट्रस्ट की स्थापना महात्मा गांधी ने अपनी पत्नी की याद में ग्रामीण भारत की जरूरतमंद महिलाओं और बच्चों की सेवा करने के लिए की थी।