WHO की रिपोर्ट में खुलासा: ‘भारत में बेची जा रही हर दस दवाओं में एक फर्जी’

नई दिल्ली। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यू.एच.ओ.) ने गरीब और विकासशील देशों में बिकने वाली दवाओं को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। डब्ल्यू.एच.ओ. की 23 नवंबर को जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे फर्जी या घटिया क्वॉलिटी की दवाओं की शिकायत को नजरअंदाज कर दिया जाता है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत जैसे विकासशील देशों में जो दवाएं बेचीं जाती हैं, उनमें 10 में से एक दवा फर्जी है। रिपोर्ट के अनुसार 2007 से 2016 के दौरान 48,218 सैंपलों के 100 अध्ययनों के विश्लेषण में करीब 10.5 फीसदी दवाएं नकली व घटिया पाई गई हैं।

डब्ल्यू.एच.ओ. के अनुसार 2013 के बाद से नकली और घटिया उत्पादों की 1500 रिपोर्टें मिली हैं। इनमें ज्यादातर एंटीमलेरिया और एंटीबायोटिक दवाएं शामिल थीं।

यह रिपोर्ट आने के बाद यह माना जा सकता है कि लोग ऐसी दवाएं इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे उनके बीमारी से बचाव और इलाज संभव नहीं है।

ऐसे में न सिर्फ लोगों के पैसे से खिलवाड़ किया जा रहा है, बल्कि उनके जान पर भी गंभीर बीमारियों का संकट बना रहता है। डब्ल्यू.एच.ओ. ने माना कि ये फर्जी और खराब दर्जें की दवाओं से लोगों की सेहत पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है।