नागपुर: साल 1993 मुंबई हमलों के गुनाहगार याकूब मेमन ने फांसी से ठीक पहले अपनी एक आखिरी खाहिश जाहिर की, जिसे जेल इंतेज़ामिया ने पूरा किया।
नियम के मुताबिक फांसी से पहले शख्स की आखिरी खाहिश पूछी जाती है। जब याकूब से पूछा गया तो उनसे अपनी बेटी से बात करने की खाहिश जताई।
इस पर जेल इंतेज़ामिया ने मुंबई फोन लगाकर दोनों की बात करवाई। मालूम हो, याकूब की बीवी राहिन और बेटी मुंबई के माहिम में हैं, जहां मेमन खानदान का पुश्तैनी घर है।