हैदराबाद 02 अगस्त: अकबरुद्दीन ओवैसी हमला केस की समाअत के दौरान हमले की साज़िश रचने के ख़िलाफ़ एक गवाह ने मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ अपना बयान कलमबंद करवाया। रहमत उल्लाह जो इस केस के गवाह हैं ने सातवें एडिशनल मेट्रोपोलिटन सेशन जज के मीटिंग पर अपना बयान कलमबंद करवाया और अदालत को ये बताया कि हमले से पहले वो उम्र फंक्शन हाल चंद्रायंगुट्टा को शादी की सालगिरा के मौके पर बुकिंग के लिए गए हुए थे जहां पर उन्हें कोई नहीं दिखाई दिया।
लेकिन शादी ख़ाने के कमरे में 10 से 12 लोग जमा थे और आपस में ये गुफ़्तगु कर रहे थे कि अकबरुद्दीन ओवैसी उन्हें हरासाँ कर रहे हैं और ज़मीन के मुआमलात में उन्हें तंग कर रहे हैं। रहमत उल्लाह ने ये दावा किया कि वो कमरे में दाख़िल हुआ और शादी ख़ाने की बुकिंग से मुताल्लिक़ तफ़सीलात दरयाफ़त करने की कोशिश की जहां पर उसे कमरे से बाहर निकाल दिया गया और उसे ये बताया गया कि जो कुछ भी उसने सुना है वो किसी के सामने ज़ाहिर ना करें। रहमत उल्लाह वहां से शादी ख़ाने की बुकिंग किए बग़ैर वहां से रवाना हो गया।
इस गवाह ने अदालत में मौजूद 5 मुल्ज़िमीन मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई उर्फ़ मुहम्मद पहलवान, ईसा याफ़ई , यहया हुसैन और दुसरे की शिनाख़्त की। क़ब्लअज़ीं इस केस के एक और गवाह अहमद शरीफ़ साकिन तालाबकट्टा पर वकील दिफ़ा अछूता रेड्डी और राज वर्धन रेड्डी ने जर्राह की।
जिसमें उसने ये बताया कि हमले के दिन उसने अकबरुद्दीन ओवैसी को जिप्सी में दवाख़ाना मुंतक़िल करने का मंज़र देखा था। वकील दिफ़ा ने ये सवाल किया कि जो बयान अहमद शरीफ़ ने अदालत में दिया है वो बयान पुलिस या किसी तहक़ीक़ाती एजेंसी को नहीं दिया गया और वो झूट बोल रहे हैं।गवाह ने बताया कि वो अदालत में हक़ायक़ बयान कर रहा है।