कुदरत से यही प्रार्थना है कि मोदी सरकार नये वर्ष में अपनी घोर जनविरोधी सोच व नीतियों को लागू करने से बचे: मायावती

नई दिल्ली: बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने नववर्ष सन् 2018 के मौके पर समस्त देशवासियों व वीर सैनिकों एवं ख़ासकर उत्तर प्रदेश के सर्वसमाज के लोगों को दिली मुबारकबाद व अनेकों शुभकामनायें दी हैं तथा कुदरत से प्रार्थना की है कि नये वर्ष में ख़ासकर उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त हों ताकि उन सबके लिये जीवन में ढेरों सारी खु़शियाँ व शान्ति आये और उनकी जीवन सुखी व सम्पन्न हो।

नववर्ष की पूर्व संध्या पर आज शनिवार को अपनी एक शुभकामना संदेश में सुश्री मायावती जी ने कहा कि गुजरे साल 2016 के साथ-साथ सन् 2017 भी जिस प्रकार से देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की 90 प्रतिशत से अधिक ईमानदार मेहनतकश आमजनता के लिये गहरे आर्थिक संकट व मुसीबतों के पहाड़ जैसा गुजरा है, उसके मद्देनज़र क़ुदरत से यह विशेष प्रार्थना है कि कल से शुरू होने वाला नया वर्ष सन् 2018 सुकून व शान्ति तथा नई अच्छी उम्मीदों वाला साबित हो। इस नये वर्ष में भी लोगों के लिये रोजगार ही सबसे बड़ी और अहम जरूरत बनी रहेगी।

वैसे तो यह सर्वविदित ही है कि देश की आमजनता काफी मेहनत और ईमानदारी के साथ अपना जीवन शान्तिपूर्वक व्यतीत करना चाहती है, परन्तु सत्ताधारी पार्टी बीजेपी व इनके सरकारी तंत्र की अधिकतर धन्नासेठ-समर्थक व ग़रीब, मजदूर व किसान-विरोधी ग़लत सोच, नीतियों तथा गै़र-जिम्मेदाराना बयानबाजी का ख़ामियाज़ा पूरे समाज व देश की आमजनता को किसी न किसी रूप में भुगतना पड़ता है जिससे लोगों का जीवन अब काफी ज्यादा त्रस्त होता जा रहा है जो बड़ी चिन्ता की बात है।

इतना ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी की पूर्ण बहुमत की अहंकारी व निरंकुश सरकार होने का देश को यह नुकसान उठाना पड़ रहा है कि इनके द्वारा केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण नोटबन्दी करके पहले देश को ’’आर्थिक आपातकाल’’ जैसी स्थिति में डालकर परेशान किया और अब यह आशंका समस्त देशवासियों को परेशान कर रही है कि बैंकों में रखा हुआ उनकी अपनी मेहनत की कमाई का धन भी उनका नहीं रह जायेगाा क्योंकि इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी व जवाबदेही से भागने के लिये श्री मोदी सरकार एक नया कानून बहुत जल्द बनाने जा रही है। ऐसी स्थिति में नया वर्ष सन् 2018 सवा सौ करोड़ जनता के लिये कितना संकट भरा व तनावपूर्ण गुजरेगा इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

पहले काफी अपरिपक्व तरीके से नोटबन्दी करके, फिर काफी जल्दबाजी व आपाधापी में जीएसटी का नया कर कानून थोपने के कारण नया उभरा इंस्पेक्टर राज व भ्रष्टाचार का जंजाल और अब बैंक का नया कानून बनने की सम्भावना जिसमें जनता के पैसे की कोई गारण्टी नहीं होगी, यह सब ऐसा ही है जैसे यमराज ने घर देख लिया है और जब दिल चाहे जनता को लीलती जा रही हैं। ठीक उसी प्रकार श्री मोदी सरकार ने देश की आमजनता को बैठे-बैठाये संकट में डालते रहने का ठेका ले लिया है।

मायावती ने कहा कि उपरोक्त कारणों से क़ुदरत से यही प्रार्थना है कि वह ख़ासकर भाजपा व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को इतनी सद्बुद्धि ज़रूर दे कि वे नये वर्ष-2018 अपनी घोर जनविरोधी सोच व नीतियों को लागू करने से बचे।