कुरआनी ख़त्ताती नमूनों से ईमान को ताज़गी

कुरआनी ख़त्ताती के इन नमूनों की ज़ियारत से ईमान को ताज़गी और रूह को सुरूर नसीब हुआ। इन ख़्यालात का इज़हार मदीना डिग्री कॉलेज की तालिबात और लेक्चरार ने नुमाइश इस्लामी ख़त्ताती के मुशाहिदा के बाद किताबुल राय में किया।

दो सौ से ज़ाइद तालिबात का ग्रुप मुहतरमा ताहिरा बेगम अरबी लेक्चरार की ज़ेरे निगरानी आज सालार जंग म्यूज़ीयम में इस नुमाइश का मुआइना किया और किताबुल राय में तहरीर किया कि कुरआनी आयात को जिस ख़ूबसूरती के साथ यहां पेश किया है।

इस से हम और हमारे तालिबात सब ही बेहद मुतास्सिर हुए। यूनीक डिग्री कॉलेज की तालिबात का भी एक बहुत बड़ा ग्रुप नुमाइश का मुशाहिदा किया और ख़त्ताती के नमूनों को इस्लामी तारीख का अहम विर्सा क़रार दिया। जनाब मुहम्मद हैदर अली रक़म तराज़ हैं कि मेरे फ़हम और गुमान में भी नहीं था कि अस्माए हुस्ना, रसूल (सल) और कुरआनी आयात को इस ख़ूबसूरती के साथ पेश किया जा सकता है।

यक़ीनन ये एक बेहतरीन फ़न के जौहर हैं जिस से हर एक ख़ुसूसन मुसलमानों को इस से वाक़फ़ियत हासिल करना चाहीए। में ख़ुद को ख़ुशकिसमत समझता हूँ कि मुझे उस की ज़ियारत का मौक़ा मिला। मुहतरमा शमीम बानो रक़म तराज़ हैं कि यहां आकर रुहानी तस्कीन मिली जनाब नईम साबरी के नमूनों को देखने का मौक़ा मिला।

मुहतरमा फ़ातिमा महताब रक़म तराज़ हैं कि ख़त्ताती को ज़िंदा रखने का ये अमल हमें बहुत मुतास्सिर किया है। प्रोफेसर डॉक्टर सुल्ताना सदर शोबा अरबी वीमेन्स कॉलेज रक़म तराज़ हैं कि ख़त्ताती की नुमाइश बहुत उम्दा है और इस में रखे गए तोग़रे अपनी मिसाल आप हैं।

मैं इस नुमाइश की आरास्तगी को ख़राज पेश करती हूँ ये नुमाइश तमाम लोगों बिलख़ुसूस स्याह और बैरूनी ममालिक के लोगों के लिए भी फ़ाइदा बख्श है। सालार जंग म्यूज़ीयम और इदारा सियासत के अमला को मुबारकबाद देती हूँ।