कुरबानी देने को भी तैयार बेनी

लखनऊ, 31 मार्च: यूनियन स्टील मिनिस्टर बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि यूपी में मुलायम को सबक सिखाने के लिए वह अपने ओहदे की कुरबानी देने को भी तैयार हैं।

सहाफियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुलायम यूपी में कांग्रेस को ताकतवर होते नहीं देख सकते। 1998 में सोनिया गांधी से वादा करने के बाद भी मुलायम ने कांग्रेस की हुकूमत नहीं बनने दी थी।

उन्होंने मुलायम और भाजपा के रिश्तों का ज़िक्र चर्चा करते हुए कहा कि जया जेटली के रिहायशगाह पर आडवाणी व मुलायम सिंह के बीच एक समझौते वाली बात हुई थी। इसके बाद ही 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की हुकूमत बनाने में मुलायम ने मदद किए थे |

गोधरा कांड के बाद गुजरात चुनाव में बीजेपी के प्रमोद महाजन के कहने पर पांच हजार मुस्लिम आबादी वाले इलाको में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को उतारने का इल्ज़ाम आइद करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह मोदी की हुकूमत बनाने में मुलायम ने मदद की। उन्होंने कहा कि हम समाजवादी पार्टी से निकलना नहीं चाहते थे लेकिन हमें मजबूर किया गया क्योंकि हम सच्चाई का साथ देते हैं।

अपने बेटे राकेश वर्मा के चुनाव हारने पर मुलायम के बयान पर सख्त रद्दे अमल ज़ाहिर करते हुए बेनी ने कहा कि राकेश की जमानत जब्त हो गई थी, लेकिन उन्हें यह ध्यान नहीं है कि डिम्पल भी चुनाव हारी थीं।

बेनी ने कहा कि मैंने तय किया था कि अब मैं कुछ नहीं बोलूंगा, लेकिन वे लगातार मेरे और मेरे खानदान के बारे में बोल रहे हैं। उन्हें यह ध्यान नहीं है कि 58 हजार वोट पाने वाले की जमानत कैसे जब्त हो गई।

यूनियन स्टील मिनिस्टर ने कहा कि अगर मोती लाल वोरा गवर्नर नहीं होते तो गेस्ट हाउस कांड में यह लोग मायावती का कत्ल करा देते।

आइंदा लोकसभा इलेक्शन में बहुजन समाज पार्टी को ज़्यादा सीटें मिलने का अंदाज़ा पेश करने पर जब सहाफियों ने उनसे पूछा कि क्या वे बहुजन समाज पार्टी में जा सकते हैं तो उन्होंने कहा कि उस पार्टी में तो उनका दम घुट जाएगा।