कुरान व हदीस में तमाम बीमारियों का इलाज़ पोशीदा : डॉक्टर हायी

एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम डॉक्टर्स की पहली क़ौमी और पांचवें रियासती सालाना कोन्फ्रेंस एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट पटना में मुनक्कीद की गयी। कोन्फ्रेंस में चीफ़ पेट्रोन डॉक्टर अहमद अब्दुल हायी, चीफ़ कंसल्टेंट पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल ने खिताब किया। डॉक्टर हायी ने कहा के नौजवानों को चाहिए के अपने बीमार वालेदाईन की बेहतर देख भाल करें, उन्हें तबयी सहूलतें फराहम कराएं।

इस मीटिंग में मुहब्बत के इस्लामी पैगाम और इंसानियत पर खुसुसि रोशनी डाली गयी। मुस्लिम डॉक्टर एसोसिएशन की खिदमात सिर्फ समाज के लिए नहीं बल्कि मजहबी उम्वार पर भी है। उन्होने बताया के इस्लाम में इंसानियत की खिदमात पर खुसुसि तवज्जो दी गयी है और इलाज़ पर भी खास रौशनी डाली गयी है। मोहम्मद (सल.) ने हर एक बीमारी के लिए इलाज़ बताए हैं जो सही बुखारी मेडिएशन चैप्टर 1 में दर्ज़ है। अगर उन शरयी उसूलों से काम किया जाये तो बहुत सारी बीमारियों से बचा भी जा सकता है और उसका इलाज़ भी मुमकिन है।

डॉक्टर हायी ने बताया के एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम डॉक्टर्स का मुकम्मील तावून आईएमए और दीगर ऐसी तंज़िमों के साथ हमेशा रहा है और आगे भी जारी रहेगा। डॉक्टर राजीव रंजन प्रसाद आईएमए बिहार, प्रोफेससर अरुण कुमार बर्नवाल, एचओडी पेड़िट्रेशन एम्स पटना ने भी खिताब किया जबकि एक सोवेनियर का अजरा डॉक्टर पीएनपी पाल साबिक़ सदर आईएमए बिहार के हाथों अमल में आया।

इस कोन्फ्रेंस में बिहार के इलावा मुल्क और बाइरून मुल्क से आए हुये 150 से ज़्यादा मुस्लिम डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर मुक़र्ररीन ने कहा के आज मगरीबी मामूल्क में मुरसी किलिंग और इस्क़ात हमल को तेज़ी से कुबूल किया जा रहा है लेकिन ये इस्लाम के खिलाफ है लेकिन कई बार डॉक्टरों के सामने ऐसी सूरत पैदा होती है जब डॉक्टर फर्ज़ के तहत ऐसा करने के लिए मजबूर होता है तो दूसरी तरफ मजहब इस मौके पर डॉक्टरों को किया करना चाहिए इसके लिए खुसुसि गाइडलाइन बनाने की ज़रूरत है।