उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिले गोरखपुर के कुशीनगर में गुरुवार सुबह स्कूल बस के ट्रेन से टकरा जाने से 13 बच्चों की मौत हो गई और ड्राइवर सहित 4 बच्चे घायल हो गए. सीएम योगी सहित कई नेताओं ने इस हादसे पर दुख जताया और कई नेता मौके पर पहुंचे.
दुर्घटना के कुछ ही घंटे बाद सीएम मौके पर पहुंच गए. यहां वो पीड़ित परिजनों से मिले और कार्रवाई का भरोसा दिया. उन्होंने हादसे के जांच के आदेश दिए और उन्होंने पीड़ित परिवारों को 2-2 लाख मुआवजे की घोषणा भी की लेकिन तबतक गुस्से में भरे परिजनों और इलाके वालों ने योगी सरकार और रेलवे प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. और यहां सीएम ऐसी बात कह गए, जो नया विवाद शुरू खड़ा कर रहा है.
Shocking: UP CM Yogi Adityanath loses his cool in Kushinagar, instructs protesting crowd not to do "NAUTANKI". "Nautanki band karein aaplog". Dear Mahant ji, they have lost their kids, the least they van expect from you is sympathy, if not a promise to better things in ur state. pic.twitter.com/WKiR5Djvq2
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) April 26, 2018
लाउडस्पीकर पर लोगों को संबोधित कर रहे योगी ने नारेबाजी कर रहे लोगों को कहा कि ‘नौटंकी बंद करो, नारेबाजी मत करिए. ये दुखद घटना है.’ उनके इस बयान की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना की जा रही है.
हादसे के कुछ घंटे बाद घटनास्थल पर सैकड़ों लोग जुट गए थे. विरोध कर रहे लोगों का कहना था कि सरकार पीड़ितों को मुआवजे में 50 लाख रुपए दे. लोगों ने मीडिया से बातचीत में ये भी बताया कि हादसे की जगह पर काफी वक्त से मानवरहित क्रॉसिंग की मांग की जा रही थी लेकिन अधिकारियों ने इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया.
सीएम यहां लोगों को संबोधित करने के बाद घायलों को देखने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे.
वही में राज्य सरकार ने सफाई दी है. योगी सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि लोगों ने सीएम की बात को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है. उन्होंने कहा ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग इस पर राजनीति कर रहे है. ये हादसा बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं लेकिन उससे भी ज्यादा दुखद ये है कि जब मुख्यमंत्री वहां गए तो उनके रास्ते को रोकने की कोशिश की गई, सपा-बसपा के समर्थकों ने नारेबाजी की.
श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘मुख्यमंत्री घटनास्थल और अस्पताल गए थे. उन्होंने सपा-बसपा के कार्यकर्ताओं को कहा कि वह इस मुद्दे पर राजनीति ना करें. लेकिन इसे अलग-अलग तरीके से लिया गया. मुख्यमंत्री की मंशा साफ थी, वह अपना सारा काम छोड़कर दुर्घटनास्थल पर गए थे.’