कृषि भूमि पट्टे कानून की तैयारी में केंद्र का विचार

नई दिल्ली: नीति आयोग की सिफारिश मॉडल भूमि पट्टे कानून में अधिकांश राज्यों की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद केंद्र सरकार इस संबंध में कानून की योजना बना रही है। नीति आयोग ने इस साल के शुरू में इस कानून का प्रस्ताव रखा था, जिसके तहत देश के सभी राज्यों में कृषि भूमि को लीज पर देना कानूनी किया जायेगा।

उम्मीद की जा रही है कि उससे उन लोगों की मदद हो सकती है जो अपनी कृषि भूमि औपचारिक दूसरों को खेती के लिए देना पसंद नहीं करते। नीति आयोग ने मसौदा कानून राज्यों को रवाना करते हुए उनसे राय मांगी थी और कहा गया है कि अधिकांश राज्यों ने विशेष रूप से भाजपा शासित राज्यों ने इसकी पुष्टि की है।

केवल दो राज्य ऐसे हैं जिन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं है। इस राज्य पश्चिम बंगाल और केरल हैं। नीति आयोग के सूत्रों का कहना है कि हम ज्यादातर राज्यों से विशेष रूप से भाजपा राज्यों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। जैसे ही सभी राज्यों की प्रतिक्रिया मिल जाएगा हम इसे आगे की कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को रवाना कर देंगे।

सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार राज्यों से मिलने वाली सुझावों के आधार पर कानून करेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि चूंकि भूमि राज्य की समस्या है इसलिए यह राज्य में जरूरी व्यवहार्य नहीं होगा। राज्य अपने दम पर निर्णय का अधिकार रखती हैं। वर्तमान में भूमी पट्टे (कोलदारी) पर केरल ‘जम्मू कश्मीर और गुजरात में अवरोध है और इन राज्यों का कहना है कि यह दरअसल पिछले जमींदारी व्यवस्था की यादगार है। तमिलनाडु जैसे राज्यों में यह कुछ शर्तों के साथ अनुमति दी है।