दरयाए कृष्णा के पानी तनाज़ा पर बृजेश कुमार ट्रब्यूनल के फ़ैसले का जवाब देने से मुताल्लिक़ मुस्तक़बिल के लायेहा-ए-अमल पर तबादला-ए-ख़्याल के लिए कुल जमाती मीटिंग तलब करने का फ़ैसला किया है।
रियासती हुकूमत ने अगरचे सुप्रीम कोर्ट में इस फ़ैसले को चैलेंज करने का फ़ैसला किया है लेकिन चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी मुस्तक़बिल में तन्क़ीदों से बचने के लिए किसी फ़ैसले में तमाम सियासी जमातों को शामिल करना चाहते हैं।
रियासती काबीना की मीटिंग 3 दिसमबर को मुनाक़िद शुदणी है जिस में कुल जमाती मीटिंग की तलबी की तारीख़ को क़तईयत देने के मसले पर भी तबादला-ए-ख़्याल किया जाएगा।
वज़ीर आबपाशी सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि ट्रब्यूनल के फ़ैसले से रियासत को मायूसी हुई है आंध्र प्रदेश के लिए फ़ाज़िल पानी मुख़तस किया जाना चाहीए ताहम जुमा को फ़ैसले में दिसमबर 2010 को जारी करदा अहकाम में आंध्र प्रदेश को उसकी तरफ़ से पेश करदा 14 तरमीमात में से कोई एक राहत भी हासिल नहीं हुई है।
ट्रब्यूनल ने आंध्र प्रदेश के लिए 1,005 टी एमसी नट कर्नाटक को 907 टी एमसी फ़ुट और महाराष्ट्रा को 666 टी एमसी फ़ुट पानी मुख़तस क्या थे।
ट्रब्यूनल ने कर्नाटक को अल्माटी डैम की बुलंदी 519.6 मीटर से बढ़ाकर 524.26 मीटर्स करने की इजाज़त भी दी है। हुकूमत आंध्र प्रदेश पहले ही उबूरी हुक्म को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करचुकी थी लेकिन अदालत अज़मी ने क़तई फ़ैसले तक इंतेज़ार की हिदायत दी थी।
तवक़्क़ो हैके कुल जमाती मीटिंग के बाद रियासती हुकूमत की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में ख़ुसूसी दरख़ास्त रुख़स्त पेश की जाएगी।