नई दिल्ली: मोदी सरकार में कुल कैबिनेट विस्तार और फेरबदल किया जा रहा है जहां संभावना है कि एक दलित चेहरे को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए इस राज्य से अधिक प्रतिनिधित्व की भी संभावना है। कैबिनेट में शामिल होने के लिए जिन नामों के बारे में अटकलें की जा रही हैं उनमें अनोपरया पटेल शामिल हैं। वह ओबीसी लोकसभा सदस्य हैं और उनका संबंध सहयोगी अपनादल है। इसके अलावा भाजपा के कई नेताओं ने आज राष्ट्रपति अमित शाह से मुलाकात की।
लोकसभा सदस्य आरएसएस अहलूवालिया, राज्यसभा सदस्य विजय गोयल और राजस्थान से पाली के सांसद पीपी चौधरी के नाम भी लिए जा रहे हैं। इन सभी ने अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड से दलित लोकसभा सदस्य अजय तमता को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है जहां उत्तर प्रदेश के साथ अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। गुजरात से राज्यसभा सदस्य पुरुषोत्तम रोपाला और महाराष्ट्र से आरपीआई सदस्य राज्यसभा रामदास अठावले, उत्तर प्रदेश से महेंद्र नाथ पांडेय की भागीदारी का भी संभावना है।
उत्तर प्रदेश से ही भाजपा दलित सांसद कृष्ण राज का नाम भी लिया जा रहा है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि कुछ मंत्रियों को कैबिनेट से निकाला भी जा सकता है। हालांकि दिग्गज मंत्रियों को नहीं बदला जाएगा। सरकार के प्रवक्ता फ्रैंक नरोनहा ने ट्वीट किया कि कल 11 बजे दिन मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कैबिनेट विस्तार के सिलसिले में काफ़ी समय से अटकलें की जा रही थीं। यह भी माना जा रहा है कि अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रखते हुए इस राज्य को अधिक प्रतिनिधित्व दिया जाएगा और नए चेहरे शामिल किए जाएंगे।
खेल मंत्री एस सोनोवाल के मुख्यमंत्री असम बनने के बाद यह मंत्रालय मख़लवा है। नरेंद्र मोदी के मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद यह दूसरी कैबिनेट विस्तार होगा। इससे पहले नवंबर 2014 में मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था। इस समय केंद्रीय मंत्रिमंडल की संख्या 64 है, जिनमें प्रधानमंत्री भी शामिल हैं। संवैधानिक दृष्टि से कैबिनेट की संख्या अधिकतम 82 हो सकती है। इस दौरान शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने कैबिनेट विस्तार के सिलसिले में कोई बात नहीं की है।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अपनी समर्थन के लिए किसी के दरवाजे पर खड़ी नहीं होगी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लोग शिवसेना में शामिल हो रहे हैं। तब वह उनसे बैठकों में व्यस्त हैं और कैबिनेट विस्तार पर चर्चा के लिए उनके पास समय नहीं है। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि शिवसेना का समर्थन प्राप्त करने या किसी के पक्ष में सिफारिश के लिए कभी भी बेबसी के साथ किसी के दरवाजे पर नहीं ठहरेगी।
उन्होंने कहा कि पहले भाजपा ने मिनिस्टर ऑफ स्टेट की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि हमने जो कहा वही मिलना चाहिए और पूरी इज्जत के साथ मिलना चाहिए। हम कुछ के लिए भीख नहीं मांगेंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि कैबिनेट विस्तार के सिलसिले में केंद्र सरकार के साथ कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मंत्री उनके लिए माध्यमिक है सियत रखता है और अगर बातचीत हो तो वह अपनी राय जरूर पेश करेंगे। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि फरनवीस से चर्चा हुई और इस बारे में कोई विस्तृत बातचीत नहीं हुई।