नई दिल्ली : उद्योगपति गौतम अडाणी द्वारा प्रवर्तित कंपनियों को दिए गए कर्ज़ से जुड़े रिकॉर्ड का खुलासे की मांग करने वाली याचिका पर केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने कहा है कि इस रिकार्ड का ख़ुलासा नहीं किया जा सकता है|
आयोग ने यह आदेश रमेश रणछोड़दास जोशी की याचिका पर दिया है | गौतम अडाणी समूह को किस आधार पर बड़ी मात्रा में कर्ज़ दिया गया है वह ये जानना चाहते थे | उन्होंने इस बारे में सुबूत भी मांगे थे कि क्या कर्ज ऑस्ट्रेलिया में कोयला खानों से संबंधित था |आयोग (सीआईसी) ने कहा है कि इसमें वाणिज्यिक भरोसा जुड़ा है और भारतीय स्टेट बैंक ने संबंधित सूचनाओं को अमानत के तौर पर रखा है |
आरटीआई कानून के तहत ऐसी सूचना जिससे बड़े पैमाने पर कोई जनहित जुड़ा हो,उसे खुलासे से छूट प्राप्त है, उसका खुलासा किया जा सकता है | भारतीय स्टेट बैंक के केंद्रीय जन-सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) ने दावा किया कि जोशी ने अपने आरटीआई आवेदन में यह जिक्र नहीं किया कि यह मामला बड़े जन हित का है|
सूचना आयुक्त मंजुला पराशर ने आदेश में कहा, ‘सीपीआईओ अपीलकर्ता को सूचित करता है कि मांगी गयी सूचना वाणिज्यिक सूचना है और तीसरे पक्ष के भरोसे के आधार पर इसे रखा हुआ है। इसीलिए इसे उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है और आरटीआई कानून की धारा आठ (1) (डी) (वाणिज्यिक विश्वास) और (ई) (अमानत के तौर पर पड़ी चीज संबंधी प्रावधान) के तहत सूचना देने से इनकार किया जाता है।’