केंद्र ने जम्मू एवं कश्मीर में स्वच्छ भारत अभियान की प्रगति की समीक्षा की

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय में सचिव परमेश्वरन अय्यर ने कल श्रीनगर में स्वच्छ भारत अभियान – ग्रामीण (एसबीएम-जी) की प्रगति की समीक्षा की।

सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ समीक्षा के बाद राज्य ने केंद्रीय दल को भरोसा दिलाया कि अगले महीने तक संपूर्ण जम्मू एवं कश्मीर राज्य खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया जायेगा।

राज्य के मुख्य सचिव श्री बी.वी.आर सुब्रमण्यम और अन्य अधिकारी भी इस समीक्षा बैठक में शामिल थे। राज्य इस लक्ष्य को संपूर्ण भारत के लिये तय 2 अक्टूबर 2019 के स्वच्छ भारत के लक्ष्य से एक वर्ष पहले प्राप्त करने की तैयारी कर रहा है।

श्री अय्यर ने स्वच्छता अभियान में गुणवत्ता के पहलू पर और समुदायों को जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।

इससे पहले दिन में सचिव महोदय ने जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल श्री एन.एन. वोहरा से भेंट कर स्वच्छता एवं अन्य संबंधित विषयों पर राज्य द्वारा की गयी प्रगति पर चर्चा की।

उन्होंने खुले में शौच से मुक्ति के अगले चरण और साथ ही तरल एवं ठोस कचरे के स्थायी तौर पर निष्पादन के लिये राज्य के प्रति भारत सरकार के संपूर्ण समर्थन का भरोसा दिलाया। इस यात्रा में उनके साथ महानिदेशक (विशेष अभियान) श्री अक्षय राउत भी थे।

श्री अय्यर ने सीमा के निकट स्थित आकांक्षी जिले कुपवाड़ा का भी दौरा किया और विभिन्न पैमानों के आधार पर जिसमें गावों में स्वच्छता के क्षेत्र में प्रगति भी शामिल है की समीक्षा की और ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने श्रीनगर में एक मुख्य जलापूर्ति संयत्र का भी दौरा किया।

ग्रामीण स्वच्छता कवरेज के क्षेत्र में एसबीएम(जी) को लागू किये जाने के बाद से जम्मू एवं कश्मीर के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक सुधार दर्ज किया गया है। ग्रामीण स्वच्छता का दायरा जो कि अक्टूबर 2014 में राज्य में 22% था अब बढ़कर 98% से अधिक हो गया है और राज्य अपने को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने के निकट है।

हाल ही के महीनों में की गयी प्रगति और भी उल्लेखनीय है। राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण स्वच्छता का दायरा 2014 में 39% से बढ़कर आज 90% से अधिक हो गया है और 19 राज्यों और संघीय क्षेत्रों के 429 जिले और 4.2 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित किये जा चुके हैं।