केंद्र सरकार के फैसले से सार्वजनिक जीवन की गति रुक ​​गई

हैदराबाद 10 नवंबर:हैदराबाद के अलावा राज्य के विभिन्न स्थानों और शहर की अधिकांश सड़कें ‘पर्यटन आकर्षण’ वाणिज्यिक संस्थान और सिनेमा घर सुनसान रहे। भारत सरकार की ओर से 500 और 1000 के नोटों पर रोक के क्रियान्वयन की शुरुआत नागरिकों को घरों की सीमा तक सीमित रहने पर मजबूर कर दिया।

देर रात से 500 और 1000 के नोटों की क्रियान्वयन का घोषणा ने लखपति लोगों को भी 100 के नोट के रूप में चन्द सौ के लिए पुनरावृत्ति करते देखा गया।

शहर के वाणिज्यिक केंद्र विशेषकर रोजमर्रा के सामान की बिक्री के स्थानों ताजरीन में मायूसी देखी गई लेकिन कई क्षेत्रों में ताजरीन ने अपने स्थायी ग्राहकों को उधार उपभोक्ता वस्तुओं कमोडिटी बेचे। मांस ‘दूध’ दवाओं और तरकारी की दुकानों पर भी लोगों को परेशानी के आलम में देखा गया।

ऑटो ड्राईवरस के अनुसार सड़कों पर लोग न होने के कारण शहर में यात्रियों की संख्या भी काफी कम रही। इस स्थिति के दौरान पेट्रोल पंप पर जहां 500 और 1000 रुपये के नोटों का चलन जारी है लंबी कतारें देखी गई लेकिन पेट्रोल पंप मालकीयन ने 500 रुपये और 1000 रुपये का पेट्रोल डलवाने पर ही पेट्रोल या डीजल बेचा जबकि कुछ पेट्रोल पंपों पर लोगों को 500 या 1000 के नोट देते हुए 100 रुपये का पेट्रोल डालने के लिए उलझते देखा गया।

शहर के कई खानगी दवाखानें में रोगियों को निर्वहन करने से इनकार कर दिया गया, जबकि वह पिछले रात इलाज और उपचार के पूरा होने के आज बिलिंग के साथ निर्वहन होने वाले थे लेकिन दवाख़ाना प्रशासन ने रद्द सत्यापित मुद्रा प्राप्त करने से इनकार कर दिया जिसके कारण रोगियों को दवाख़ाना से रवाना होने नहीं दिया गया। इसी तरह कुछ दवाखानो में जहां मरीज ऑपरेशन के लिए प्रवेश कर चुके थे उन्हें पैसे जमा न करवाए जाने के कारण ऑपरेशन रोक दिया और कहा जा रहा है कि 100 रुपये के मुद्रा नोट जमा पर ही इलाज शुरू किया।