केंद्र सरकार के बड़े दावे: अल्प्संखियकों को सस्ती शिक्षा प्रदान की जाएगी

नई दिल्ली: (सियासत उर्दू) अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि देश में अल्पसंख्यकों की शिक्षा की सबसे ज्यादा अनदेखी की गई लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अब युद्ध स्तर पर अभियान चला रखा है जिससे अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों को सस्ता, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण की शिक्षा मिल सकेगी. नकवी ने यहां माइनॉरिटी कम्युनिटी टीचर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय सेमिनार में कहा कि शिक्षकों की कमी चिंता का विषय है. इस दिशा में भी केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं लेकिन राज्यों को भी इसके लिए काम करना होगा.

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मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय अल्पसंख्यकों को बेहतर पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के पांच शैक्षिक संस्थान स्थापित करेगी और तकनीकी, चिकित्सा, आयुर्वेद और यूनानी सहित विश्व स्तरीय कौशल विकास की शिक्षा देने वाली संस्था देशभर में स्थापित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इसके लिए एक उच्च स्तर की समिति का गठन किया गया है जो शैक्षिक संस्थानों की रूपरेखा, स्थान आदि के बारे में बातचीत कर रही है और जल्द ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश कर देगी. यह प्रयास है कि शैक्षिक संस्था 2018 से काम करना शुरू कर दें. इन शिक्षण संस्थानों में लड़कियों के लिए चालीस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है.
नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का इस बात पर पूरा जोर है कि अल्पसंख्यकों को बेहतर शिक्षा के साथ ही विभिन्न कौशल विकास प्रशिक्षण भी दिया जाए. जिससे छात्र रोजगार पाने के योग्य बन स्कें. अल्पसंख्यकों को बेहतर शिक्षा दिलाने और बेहतर रोजगार के योग्य बनाने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय विभिन्न योजनाएं चला रहे हैं.
नकवी के अनुसार, 2017-18 में 35 लाख से अधिक छात्रों को विभिन्न छात्रवृत्ति दी जाएगी. इसके अलावा दो लाख से अधिक युवाओं को रोजगार पाने के योग्य प्रशिक्षण दिया जाएगा. सोलह से अधिक गुरुकुल की शैली पर आवासीय स्कूलों को मंजूरी दी गई है. साथ ही जो मदरसे आम धारा की शिक्षा दे रहे हैं उन्हें भी मदद दी जा रही है. केंद्र सरकार ने इस बार अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में काफी इजाफा किया है. 2017-18के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट बढ़ाकर 4195.48 करोड़ रुपये कर दिया गया है जो पिछले बजट 3827.25 करोड़ से 368.26 करोड़ रुपये यानी 9.6 प्रतिशत अधिक है. बजट में वृद्धि से अल्पसंख्यकों के सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण में मदद देगी. उन्होंने कहा कि कि इस बार बजट का सत्तर प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यकों के शैक्षिक सशक्तिकरण और कौशल विकास को बढ़ावा देने पर खर्च किया जाएगा. बजट का बड़ा हिस्सा छात्रवृत्ति, फैलोशिप और कौशल विकास की योजनाओं सीखो और कमाओ, नई मंजिल, नई रोशनी, शिक्षक, गरीब नवाज कौशल विकास केन्द्र और बेगम हज़रत महल छात्रवृत्ति पर खर्च किए जाने का प्रावधान है.
उन्होंने कहा कि मल्टी सैकटरल विकास कार्यक्रम के तहत भी शैक्षिक विकास गतिविधियों पर रक़म खर्च की जाएगी. मेरिट कम मींस छात्रवृत्ति पर 393.5 करोड़ रुपये, प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति पर 959 करोड़ रुपये, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति पर 550 करोड़ रुपये, सीखो और कमाओ पर 250 करोड़ रुपये, नई मंजिल पर 176 करोड़ रुपये और मौलाना आजाद फैलोशिप योजना पर 100 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान है. मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन के लिए 113 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.