केंद्र सरकार ने हज नीति और सब्सिडी पर समीक्षा के लिए की छह सदस्यीय कमेटी का गठन

नई दिल्ली: (सियासत उर्दू) केंद्र सरकार ने भारतीय हज नीति में सुधार की प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट के 2012 के आदेश की रोशनी में हज के लिए सब्सिडी के मुद्दे की समीक्षा पर एक 6 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिस में अदालत ने वर्ष 2022 तक हज सब्सिडी में क्रमिक कटौती करते हुए पूरी तरह समाप्त कर देने का आदेश दिया था.
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को बताया कि जेद्दाह में भारत के पूर्व महावाणिज्य दूतावास अफजल अमानुतुल्लाह को इस उच्च स्तरीय कमेटी का संयोजक नियुक्त किया गया है, मुंबई हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज एसएस पार्कर, हज कमेटी के पूर्व अध्यक्ष कैसर शमीम, एयर इंडिया के पूर्व मुख्य प्रबंध निदेशक मिशेल मासकरेंहस और मुस्लिम विद्वान चार्टड एकाउंटेंट कमल फारुकी भी इस कमेटी का हिस्सा होंगे. मंत्रालय के संयुक्त सचिव जे.आलम इस कमेटी के सदस्य सचिव होंगे.

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नकवी के अनुसार, यह विशेषज्ञ कमेटी एक या दो महीने में अपनी रिपोर्ट दे देगी. ताकि यह तय किया जा सके कि भारतीय हज नीति को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है. किस तरह से हज यात्रियों को अधिकतम छूट दी जा सकती है और कैसे हज का बेहतर प्रबंधन हो सकता है.
ये कमेटी भारतीय हज कमेटी के हज यात्रियों के प्रबंधन, रहने और हवाई यात्रा के इंतजाम के प्रभाव की भी समीक्षा करेगी. वह इस क्षेत्र में हज यात्रियों के हितों को ध्यान में रखते हुए निजी टूर ऑपरेटरों को भी लाने पर विचार करेंगे.
बता दें कि पिछले महीने सऊदी अरब ने भारत के सालाना हज कोटे में अब तक का सबसे अधिक इजाफा किया था. यह हज कोटा 34,500 से बढ़ा कर इसे 1,36,020 से लेकर 1,70,520 हज यात्री कर दिया गया था.