केजरीवाल आख़िर इंसान है इक़तिदार ( शासन/ सत्ता) की लालच हो सकती है : अन्ना हज़ारे

मारूफ़ ( मशहूर) समाजी कारकुन अन्ना हज़ारे ने आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन (IAC) क़ाइद अरविंद केजरीवाल एक अच्छे क़ाइद ज़रूर हैं जो शायद रातों रात मालदार बनना नहीं चाहते ।

दूसरे लफ़्ज़ों में उन्हें दौलत की हवस भले ही ना हो लेकिन आख़िर वो इंसान ही हैं और हो सकता है कि इक़तिदार ( सत्ता) के नियम का जादू उन के सर चढ़ कर बोले । एन डी टी वी को एक इंटरव्यू देते हुए अन्ना हज़ारे ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को वो क़रीब से जानते हैं ।

उन की शख़्सियत में क़ुर्बानी का जज़बा मौजूद है । वो अपने ख़ानदान को समाज और मुल्क पर तर्जीह नहीं देते । वो हमेशा से ही मुल्क के मुफ़ाद ( फायदे) में ही सोचते हैं उन्हें दौलत का कोई लालच नहीं है लेकिन क्या किया जाये सियासत में दाख़िला के बाद इंसान को दूसरा लालच लाहक़ ( अनिवार्य/ जरूरी) हो जाता है और वो है इक़तिदार (शासन/ सत्ता) के हुसूल ( प्राप्ति) का ।

शायद वो ख़ुद से वज़ीर बनना भी पसंद नहीं करेंगे । जब अन्ना हज़ारे से ये पूछा गया कि क्या केजरीवाल भी इक़तिदार ( शासन/ सत्ता) के लालची शख़्सी साबित होंगे ? अन्ना हज़ारे ने इस का मुसबत जवाब देते हुए कहा कि ये मुम्किन है लेकिन इस के इलावा केजरीवाल को कोई और लालच नहीं है ।

केजरीवाल के ज़रीया हाल ही मुख़्तलिफ़ सियासतदानों की पोल खोले जाने के तज़किरा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें एक वक़्त में सिर्फ़ एक ही सियासतदां पर इल्ज़ामात आइद करते हुए इसे साबित करने तक अपनी लड़ाई जारी रखनी चाहीए । बजाय इसके केजरीवाल यके ( एक के बाद एक) बाद दीगर तमाम सियासतदानों पर इल्ज़ामात आइद किए जा रहे हैं ।

आप एक ही वक़्त में किस किस को पकड़ेंगे ? एक एक कर के सब को गिरिफ्त में लीजिए । ख़ुद मैंने छः वुज़रा को इक़तिदार ( शासन) से बेदख़ल करवाया और वो आज अपने घरों में आराम कर रहे हैं । लिहाज़ा एक के बाद एक की ख़बर लीजिए सब की टांग एक साथ घसीटने की ज़रूरत नहीं । याद रहे कि जिस वक़्त कजरीवाल ने नई सयासी जमात ( राजनीतिक पार्टी) तशकील देने ( निर्माण/ बनाने) का ऐलान किया था उस वक़्त से अन्ना हज़ारे ने अरविंद केजरीवाल से ताल्लुक़ात मुनक़ते कर ( तोड़) लिए थे ।