केजरीवाल और मौलाना तौकीर में दरार की नौबत

ऑल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच सियासी रिश्ता जुड़ने से पहले ही तलाक की नौबत दिख रही है। बीजेपी ने मौलाना तौकीर रजा खां पर 2010 में दंगे के इल्ज़ाम में जेल जाने और बांग्लादेश की मुतनाज़ा मुसन्निफा तसलीमा नसरीन का सिर कलम किए जाने से मुताल्लिक बयान को लेकर निशाना साधा है।

इस मुद्दे पर मौलाना के साथ आम आदमी पार्टी के लीडर अरविंद केजरीवाल की भी घेराबंदी हो रही है। दिल्ली में केजरीवाल तो बरेली में मौलाना ने सफाई दी है।

केजरीवाल पहली नवंबर को बरेली आए थे। उन्होंने मौलाना तौकीर रजा खां के दरगाह आला हजरत वाकेय् घर जाकर दिल्ली विधानसभा के इलेक्शन में उनका साथ मांगा था। मौलाना ने भी हां कर दी। अब आकर दोनों के बीच इस मुलाकात का मामला तूल पकड़ गया है। बीजेपी की तरफ से तीखा रद्दे अमल आ रहा है।

2010 के दंगे में जेल जाने को लेकर बीजेपी उन्हें समाज मुखालिफ बताने की कोशिश में लग गई है। उसकी तरफ से यह भी बताने की कोशिश हो रही हैं कि यह वही मौलाना हैं, जिन्होंने 2003 में बंगलादेश की मुसन्निफा तसलीमा नसरीन का सिर कलम करके लाने वाले को इनाम का ऐलान किया था । रकम इतनी बड़ी थी कि उसको लेकर भी लोगों ने हैरानी जताई थी।

इन्हीं तमाम इल्ज़ामात पर केजरीवाल और मौलाना तौकीर को सफाई देने पर मजबूर कर दिया है। चूंकि आप पार्टी का यह पहला इलेक्शन है, जिसे बेईमानी‍ करप्शन को मुद्दा बनाकर बेदाग शबिया के उम्मीदवारों के बूते लड़ा जा रहा है। ऐसे में मौलाना तौकीर और अरविंद केजरीवाल में सियासी रिश्ता कायम रह पाना मुश्किल होगा। कोई दोराय नहीं कि रिश्ता जुड़ने से पहले तलाक हो जाए।

मौलाना ने अपनी सफाई मे कहा कि दंगे के इल्जाम में पुलिस ने मुल्जिम जरूर बनाया था, लेकिन बाद में दफा 169 के तहत बेगुनाह बताकर रिहा कर दिया था। रहा सवाल बांग्लादेश की मुसन्निफा तसलीमा नसरीन से जुड़े सवाल का तो यह फैसला मेरी अगुवाई में पर्सनल लॉ बोर्ड का था। सभी ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि तसलीमा के लिए उसके अपने मुल्क के दरवाजे बंद हो चुके तो हिंदुस्तान में पनाह नहीं देना चाहिए।

मौैलाना तौकीर रजा खां ने दंगे वगैरह के इल्ज़ामात को लेकर गुस्सा निकाला। उन्होंने मांग उठाई कि इलेक्शन कमीशन को बीजेपी पर पाबंदी लगा देना चाहिए इसलिए क्योंकि इस पार्टी की बदौलत मुल्क एक और बंटवारे की तरफ बढ़ रहा है।

आला हजरत खानदान से ताल्लुक रखने वाले मौलाना तौकीर रजा खां ने आल इंडिया इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के नाम से अपनी पार्टी बना रखी है। पिछले विधानसभा इंतेखाबात में पार्टी ने खाता भी खोला था। 2010 में ईदमिलादुन्नबी के जुलूस में बवाल के बाद भड़के दंगे में उन्हें जेल भेज दिया गया था। तसलीमा नसरीन से जुड़े बयान को लेकर भी तनाज़े में रहे।