नई दिल्ली /5 अक्तूबर (पी टी आई) कांग्रेस ने आज सोनीया गांधी के दामाद राबर्ट वडरा (robert vadra) की समाजी कारकुन ( कार्यकर्ता) अरविंद केजरीवाल और प्रशांत भूषण के इल्ज़ाम के रद्द-एअमल (प्रतिक्रिया/Reaction) के तौर पर, भरपूर ताईद ( समर्थन/ मदद) की। दोनों ने इल्ज़ाम आइद किया था कि राबर्ट वडरा ने तामीराती कंपनी डी एल पी से ख़तीर ( बहुत ज़्यादा) रक़ूमात (Funds) हासिल की हैं।
इस इल्ज़ाम पर सयासी तूफ़ान उठ खड़ा हुआ है। कांग्रेस के तर्जुमानों और कई मर्कज़ी वुज़रा ने ख़ुद साख़ता समाजी कारकुनों पर तन्क़ीद ( टिप्पणी) करते हुए कहा कि इनके इल्ज़ामात बे बुनियाद और ग़ैर ज़िम्मादाराना हैं। ये सदर नशीन यू पी ए को बदनाम करने के लिए बी जे पी की चलाई हुई मुहिम ( योजना) है।
पार्टी के तर्जुमान मनीष तीवारी ने कहा कि केजरीवाल की प्रेस कान्फ्रेंस सिर्फ एक सयासी साज़िश है, जो बदतरीन नौईयत (खासियत) रखती है। इस सवाल पर कि क्या केजरीवाल के ख़िलाफ़ हतक-ए-इज़्ज़त (मान हानी) मुक़द्दमा दायर किया जाएगा?। तीवारी ने कहा कि हर फ़र्द के लिए मुतबादिल अज़ाला के वास्ते खुले हैं। वो कोई तब्सिरा ((चर्चा) नहीं करना चाहते।
सलमान ख़ुरशीद ने उसे एक नोमोलूद ( नये जन्मे) सयासी पार्टी का नज़रियाती दीवालीया पन क़रार दिया। एक और मर्कज़ी वज़ीर राजीव शुक्ला ने कहा कि डी एल पी से रक़म के हुसूल ( मिलने) का कोई सुबूत मौजूद नहीं है।