नई दिल्ली: नए संशोधन विधेयक के अनुसार अब किसी व्यक्ति को रोजगार और शिक्षा प्राप्त करने या चिकित्सा के लिए किसी प्रतिष्ठान या स्कूल द्वारा किसी व्यक्ति के एचआईवी का टेस्ट अनिवार्य करने पर रोक लगा दी गई है. उसकी सहमति के बाद ही उसके इस रोग के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी.
हिंदुस्तान के अनुसार,एचआईवी पोजीटिव से प्रभावित किसी व्यक्ति को अपने रोग के बारे में जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं किया जासकेगा. लेकिन अदालत के आदेश पर उसे अपने रोग की जानकारी देनी होगी.
पहले किसी प्रतिष्ठान में नौकरी या शिक्षा प्राप्त करने के लिए HIV टेस्ट देना जरूरी था. इस आशय के एचआईवी एवं एड्स संशोधित विधेयक (रोक एवं नियंत्रण) 2014 के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गयी.
इस विधेयक से एचआईवी पीड़ति व्यक्ति के साथ भेदभाव को रोका जा सकेगा और मरीज के इलाज की गोपनीयता को बऱकरार रखा जासकेगा.