मल्लापुरम, 05 फ़रवरी: ( एजेंसी) सऊदी अरब और ख़लीजी ममालिक में काम करना केरला के इस इलाक़े के लोगों के लिए ख़्वाबों की दुनिया है । जुनूबी रियासत केरला के मुस्लिम अक्सरीयती इलाक़े वाले शहर मल्लापुरम से कुछ दूर वाकेय् एक सरकारी अस्पताल में बहुत सी ख़्वातीन डाक्टर का इंतेज़ार कर रही हैं।
गोद में बच्चे लिए वो यहां सलाह-ओ-मश्वरे के लिए आई हैं क्योंकि वो कई तरह की ज़हनी परेशानीयों से दो-चार हैं। दरअसल कमउम्री में ख़लीजी ममालिक में काम करने वाले नौजवानों से शादी के बाद वो अब अकेली रह गई हैं। इस तन्हाई और अकेलेपन ने उनको ज़हनी तौर पर मुतास्सिर किया है और ये मसला अब समाज के साथ साथ केरला की हुकूमत के लिए भी तशवीश का मौज़ू बन गया है।
हुकूमत ने मल्लापुरम और आस पास के इलाक़ों में ज़िला, तहसील और यहां तक कि गांव की सतह पर भी नफ़सियाती ईलाज करने वाले डाक्टरों की तक़र्रुरी शुरू कर दी है ताकि ज़हनी तौर से परेशान इन ख़वातीन को राहत मिल सके।
सरकारी अस्पताल में काम करने वाली डाक्टर रमला रोज़ कई मरीज़ों से मिलती हैं। वो इस मसला को समझने की कोशिश कर रही हैं। मगर मरीज़ों की इतनी तादाद है कि वो भी दिन भर उनसे बात करते करते थक जाती हैं। गल्फ़ सिंड्रोम एक हक़ीक़त है। लोग उसे कुबूल भी कर रहे हैं और उसकी वजह से मुआहिदा भी कर रहे हैं।
ये अब यहां की ज़िंदगी का हिस्सा है। कई ऐसे केस सामने आए हैं जहां शादी को बीस साल गुज़र गए हैं मगर शौहर बीवी इस दौरान अगर साथ रहे हैं, तो वो सिर्फ़ नौ या दस माह के लिए । समाज के इस तर्ज़ अमल की वजह से ख़ानदानी तनाज़आत उरूज पर हैं और इस इलाक़े में तलाक़ के मुआमले भी ज़्यादा हो रहे हैं।