केरला असेंबली में अपोज़ीशन जमातों ने एलडी एफ़ की क़ियादत में असेंबली से आज उस वक़्त वाक आउट कर दिया जब एक डी वाई एफ़ आई कारकुन की मुबय्यना तौर पर बी जे पी वर्कर्स के हाथों हलाकत के ख़िलाफ़ अपोज़ीशन की जानिब से पेश किए गए तहरीक अलतवा को क़बूल करने से इनकार कर दिया गया।
जेम्स मिथवा की जानिब से पेश की गई क़रारदाद का जवाब देते हुए वज़ीर-ए-दाख़िला रमेश चुनेथाला ने ये वाज़िह कर दिया कि मज़कूरा कारकुन अबदालश्रीफ़ की हलाकत किसी सियासी सरगर्मी का नतीजा नहीं बल्कि ये एक मुक़ामी तौर पर पैदा होने वाला तनाज़ा के बाद पेश आई थी। अबदालश्रीफ़ को 26 जून को चाक़ू से हमला किया था जिन की दूसरे दिन हॉस्पिटल में मौत होगई।
उन्होंने कहा कि इस इलाक़े में 27जून को एक बी जे पी कारकुन अरूण भरी का भी मामूली तनाज़ा के बाद क़तल कर दिया गया था और इस हलाकत के पसेपर्दा भी कोई सियासी वजूहात नहीं थी। हालाँकि इस हलाकत में मुबय्यना तौर पर एक सी पी आई एम कारकुन भी मुल्ज़िम की हैसियत से शामिल है।
उन्होंने मज़ीद कहा कि इन दोनों मुआमलात में मुल्ज़िमीन को गिरफ़्तार करलिया गया है और इस हवाले से तहक़ीक़ात जारी हैं। वज़ीर मौसूफ़ ने बताया कि इन हलाकतों की वजह से मुतास्सिरा इलाक़े में कशीदगी पैदा होगई है इसी लिए हालात को कंट्रोल करने मुनासिब तादाद में पुलिस को तैनात कर दिया गया है।
चेंथाला ने एलडी एफ़ के इस इल्ज़ाम को भी रद कर दिया कि यू डी एफ़ के बरसर-ए-इक्तदार आने के बाद रियासत में सियासी क़तल-ओ-ग़ारत में इज़ाफ़ा होगया है। उन्होंने कहा कि इसके बरख़िलाफ़ इस तरह के सियासी क़तल में वाज़िह तौर पर कमी दर्ज की गई है। उनके मुताबिक़ जब से उनकी हुकूमत बरसर-ए-इक्तदार आई है तब से सिर्फ़ 18 सियासी हलाकतें दर्ज की गई हैं ताहम चेंथाला ने एलडी एफ़ के इस बयान से इत्तिफ़ाक़ किया कि इन हलाकतों के पीछे रीत और जंगल माफ़िया कारफ़रमा है।
उन्होंने कहा कि तमाम पहलू से उन हलाकतों का जायज़ा लिया जा रहा है। चेंथाला के इस जवाब के बाद स्पीकर जी कार तकान ने अपोज़ीशन की जानिब से पेश किए गए तहरीक अलतवा को क़बूल करने से इनकार कर दिया। अपोज़ीशन लीडर वी एस अछूता नंदन ने इल्ज़ाम आइद किया कि जब से मर्कज़ में नरेंद्र मोदी ज़ेर क़ियादत हुकूमत बरसर-ए-इक्तदार आई है बी जे पी कारकुनों का रवैया ऐसा होचुका है कि जैसे वो कुछ भी करसकते हैं।